प्रतापगढ़ में रिहायशी आवासों में पटाखे की गोदाम बनाने का पुरना प्रचालन है, अक्सर इन गोदामों में विस्फोट होते हैं और जाने चली जाती हैं, फिर भी नहीं हो रहा सुधार
कोहंड़ौर बाजार में दो मुस्लिम परिवार के घरों में अचानक पटाखा फटने से दो रसोई गैस सिलिंडर में आग लग गई और भीषण धमाका हुआ, जिससे दो घरों में आग लग लगी, जिसमें दो की मौत हो गई और कई घायल हो गए…
प्रतापगढ़। कोहंड़ौर थाना प्रयागराज और अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग पर पड़ता है और कोहंड़ौर थाना जनपद प्रतापगढ़ और अमेठी व सुल्तानपुर को जोड़ता है। बीती रात 2 अप्रैल, 2022 को यूपी के प्रतापगढ़ जिले में एक बड़ा हादसा हो गया है। कोहड़ौर थाने से चंद कदम दूरी पर ही स्थित दो घरों में रखे पटाखे में आग लग जाने से भीषण धमाका हुआ। इस घटना में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी और कई लोग घायल हैं। घटना को लेकर पूरी रात पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ आसपास के लोग परेशान रहे। मिली जानकारी के मुताबिक कोहड़ौर थाने के निकट स्थित अशफाक, हनीफ और फिरोज के घर में ही पटाखा बनाने का कारोबार किया जाता है। 2 अप्रैल की रात करीब साढ़े आठ बजे अशफाक के घर में टाइल्स लगाने का काम चल रहा था। टाइल्स की कटाई के दौरान कटर मशीन से निकली चिंगारी अचानक पटाखे के पैकेट पर जा गिरी। इससे पटाखे में आग लग गयी और धमाके होने शुरू हो गये। आग की लपटों ने पास ही में रखे दो रसोई गैंस सिलिंडर को भी अपनी जद में ले लिया। रसोई गैस सिलिंडर फट जाने से जोरदार धमाका हुआ और दोनों घरों में आग लग गयी।
2 अप्रैल, 2022 की देर रात कोहड़ौर थाने से चंद कदम दूरी पर हुई घटना से पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर उठ रहे हैं,सवाल…
घटना की जानकारी होने पर पुलिस और आसपास के लोग घटना स्थल पर पहुंचे। किसी तरह से दरवाजे और खिड़की को तोड़कर आग में फंसे लोगों को बाहर निकाला। तब तक दो लोगों की मौत हो चुकी थी। नजमा बानो, शहनाज, साजिया बानो, जिया, सगीर, राजू, अशफाक, गुडिया और परिवार के अन्य लोग गंभीर रुप से झुलस गये हैं। यह घटना कोहड़ौर बाजार में थाने से महज 60 मीटर दूर पटाखे की दुकान में भीषण विस्फोट के साथ लगी। बता दें कि पटाखा कारोबारी के घर के अंदर टाइल्स लगाने का कार्य चल रहा था। टाइल्स लगाने का कार्य ठेके से होता है और उसके ठेकेदार देर रात तक कार्य करते हैं। यहाँ भी टाइल्स लगाने के कार्य देर रात्रि तक हो रहा था। टाइल्स काटने की मशीन से निकली चिंगारी से घर में रखे पटाखों में आग पकड़ ली और उसमें विस्फोट होने शुरु हो गए। सहालग के दिनों में बिक्री हेतु पटाखों का पर्याप्त भंडारण किया गया था। पटाखों में रुक रुककर हो रहे धमाके से बाजार में रहा अफरातफरी का रहा माहौल ब्याप्त हो गया। आग लगने से 6 लोग बुरी तरह झुलस गए, जिसमें 5 लोगों की हालत गम्भीर बनी हुई है। प्रतापगढ़ में पटाखा कारोबारी और जिला प्रशासन सहित पुलिस की लापरवाही से रिहायशी इलाके में पटाखे की गोदाम संचालित हो रही हैं और गर्मी के दिनों में यदि आग का भयानक स्वरूप कभी रिहायशी इलाके में बढ़ा तो कई परिवार और घर के लोग जिंदा जल मरेंगे।
सभी घायलों का प्राथमिक इलाज राजकीय मेडिकल कालेज प्रतापगढ़ में किया गया। बाद में यहाँ से प्रयागराज SRN के लिए रेफर कर दिया। देर रात लगभग 1 बजे मकान से काफी मशक्कत के बाद दो शव को निकाला गया बाहर। घर में रखे पटाखे के साथ ही गृहस्थी का सामान भी जलकर खाक हो गया। दमकल की चार गाड़ियों ने मिलकर लगभग दो घण्टे की बड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इसी बीच प्रयागराज-अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग पर घंटों आवागमन तक बाधित रहा। आग बुझने तक एएसपी सुरेन्द्र प्रताप सिंह व कोहड़ौर एसओ भारी पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे। सूचना पाकर मौके पर एसडीएम पट्टी ने भी पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। इस हादसे से पहले भी कोहड़ौर के पटाखा कारोबारियों के घरों में कई बार आग लग चुकी है और लोगों की जान जा चुकी है। शनिवार रात में हुए भीषण अग्निकाण्ड से जिला प्रशासन व पटाखा कारोबारियों को सबक लेना चाहिए, परंतु कुछ दिनों बाद पटाखा कारोबारी जनहानि को भी भुलाकर पुनः अपने घर को बारूद की ढेर पर खड़ा कर देते हैं। पटाखा कारोबार को लेकर यदि जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस सतर्क रहे तो ऐसा भयानक और दर्दनाक मंजर न देखने को मिले। सवाल उठता है कि कोहंड़ौर थाना से चंद कदम की दूरी पर बारूद का जखीरा गोदाम बनाकर रखा गया था और पुलिस को कानोंकान खबर ही नहीं थी। ऐसा नहीं है कि पुलिस को इसकी जानकारी नहीं रहती, पुलिस को सारी जानकारी रहती है और पुलिस बदले में रिश्वत लेती है और चुप रहती है। पूरे प्रतापगढ़ में कई बाज़ारों में भारी मात्रा में पटाखों की गोदामें संचालित हो रही हैं और जिला प्रशासन कुम्भकर्णी नींद में सोया हुआ है।