6 करोड़ का सोना पहनकर चलते हैं ये बाबा, हर आभूषण से जुड़ी है साधना की कहानी
प्रयागराज। गंगा की धरा पर 13 जनवरी से विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ शुरू है।महाकुम्भ का आज छठवां दिन है।भारी संख्या में श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।महाकुंभ में कई अद्भुत साधु-संत भी दिखाई दे रहे हैं। इनमें से एक हैं गोल्डन बाबा जो श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहे हैं।इनका नाम एसके नारायण गिरी जी महाराज है ये केरल के रहने वाले हैं।बरहाल दिल्ली में रहते हैं। निरंजनी अखाड़े से जुड़े गोल्डन बाबा अपने अनोखे अंदाज और सोने से सजे व्यक्तित्व के कारण कुंभ में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
67 वर्षीय गोल्डन बाबा लगभग 4 किलो सोना पहनकर चलते हैं।इसकी कीमत लगभग 6 करोड़ रुपये आंकी गई है। गोल्डन बाबा के हर गहने में अलग ही चमक है।सोने की अंगूठियां,कंगन,घड़ी और यहां तक कि उनके हाथों में सोने की छड़ी भी है।छड़ी पर देवी-देवताओं के लॉकेट लगे हुए हैं, जो उनकी साधना का प्रतीक हैं। गोल्डन बाबा कहते हैं कि यह सोना साधना से जुड़ा हुआ है और हर गहने में आध्यात्मिक शक्ति है।गोल्डन बाबा जहां भी जाते हैं उनमें आस्था रखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ती है।श्रद्धालु उन्हें गोल्डन बाबा कहते हैं।गोले बाबा कहते हैं कि मुझे इस बात से कोई परहेज नहीं है।
गोल्डन बाबा ने अखाड़े के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज से दीक्षा ली थी और निरंजनी अखाड़े में शामिल हुए।गोल्डन बाबा शिक्षा के क्षेत्र में भी काम कर रहे हैं। गोल्डन बाबा का कहना है कि धर्म और शिक्षा दोनों को साथ लेकर चलने से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।गोल्डन बाबा का कहना है कि उनकी हर चीज साधना से जुड़ी हुई है। उनका यह सोने से सजा रूप दिखावे के लिए नहीं है, बल्कि यह उनके आध्यात्मिक जीवन और उनके गुरु के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है।
गोल्डन बाबा के पास सोने के 6 लॉकेट हैं, जिनसे करीब 20 मालाएं बन सकती हैं।उनका मोबाइल भी सोने की परत में ढका हुआ है। गोल्डन बाबा का व्यक्तित्व महाकुंभ में एक अलग ही छवि वाला है, जो लोगों को मुग्ध कर देता है।गोल्डन बाबा अध्यात्म और भक्ति का संदेश देते हैं।