लखनऊ में निर्माणाधीन होटल की ट्रॉली लिफ्ट गिरी,दो की हुई मौत,चल रहा था पांचवीं मंजिल पर काम
लखनऊ। सूबे की राजधानी लखनऊ के वृंदावन सेक्टर-6 में रविवार दोपहर ऑर्नेट बैंक्वेट हॉल के पिछले हिस्से में बन रहे होटल की ट्रॉली लिफ्ट टूटकर गिर गई, जिसमें टाइल्स ठेकेदार 42 वर्षीय योगेश मिश्रा और मजदूर 40 वर्षीय भरत लाल की मौत हो गई। 28 वर्षीय पप्पू गंभीर घायल हो गया। घायल को इलाज के लिए ट्रामा-2 में भर्ती कराया गया है। तीनों ट्रॉली लिफ्ट में बैठकर पांचवी मंजिल पर जा रहे थे। चेन टूटने की वजह से हादसा हो गया। हादसे के बाद जिम्मेदार मौके से ताला बंदकर फरार हो गये। सूचना पर पहुंची पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।देर शाम तक किसी तरफ से तहरीर नहीं दी गई थी।
मिली जानकारी के अनुसार कारोबारी गुरमीत सिंह का वृंदावन सेक्टर-6 में आर्नेट बैंक्वेट हॉल के नाम से एक मैरिज हॉल है। इसी मैरिज हॉल के पिछले हिस्से के खाली मैदान में पांच मंजिला होटल का निर्माण काम चल रहा है। पांचवीं मंजिल तक आसानी से निर्माण सामग्री पहुंचाई जाए। इसके लिए भूतल से लेकर पांचवीं मंजिल तक लोहे के एंगल पर अस्थाई ट्रॉली लिफ्ट बनाया गया है। होटल निर्माण में टाइल्स का काम चल रहा था। गोंडा के छपिया के खमरिया के टाइल्स ठेकेदार योगेश मिश्रा अपने मजदूरों के साथ यह काम कर रहे थे।
रविवार दोपहर लगभग पौने एक बजे योगेश निगोहा के कुशमौरन के रहने वाले भरत लाल और बिहार के छपरा के पप्पू के साथ ट्रॉली लिफ्ट में चढ़े। पांचवीं मंजिल पर पहुंचे ही थे कि अचानक से ट्रॉली लिफ्ट की चेन टूट गई। तीनों लिफ्ट के साथ नीचे आ गये। गंभीर रूप से घायल हो गये। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आननफानन सभी को इलाज के लिए ट्रामा-2 लेकर गई। जहां डॉक्टरों ने योगेश मिश्रा और भरतलाल को मृत घोषित कर दिया। वहीं गंभीर रूप से घायल पप्पू का इलाज शुरू कर दिया। इंस्पेक्टर पीजीआई राणा राजेश सिंह के मुताबिक हादसे की जानकारी मृतक के परिजनों को दे दी गई है। पोस्टमार्टम हाउस पर योेगेश का ममेरा भाई अभिषेक तिवारी पहुंचा था।
ममेरे भाई अभिषेक के मुताबिक योगेश परिवार को बेहजर जिंदगी देने का सपना लेकर लखनऊ आया था। योगेश चरन भट्ठे के पास किराए पर रहकर टाइल्स का ठेके पर काम करता था। परिवार में पत्नी रिंकी, दो बेटियां जाह्नवी, ढोलू और छह महीने का बेटा है। योगेश लखनऊ में पिछले पांच साल से अधिक समय से रहता था। योगेश अपना काम लखनऊ और बिहार के मजदूरों से करवाता था। योगेश के ज्यादातर काम पीजीआई इलाके में ही होते थे।
बता दें कि निर्माणाधीन होटल में मजदूरों की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं था। न ही सेफ्टी बेल्ट, हेलमेट और अन्य जरूरी उपकरण नहीं था। वहीं हादसे के शिकार मजदूरों व ठेकेदारों के लिए प्राथमिक उपचार का भी कोई इंतजाम नहीं था। ट्रॉली लिफ्ट के हादसे के शिकार होने पर बीच में सुरक्षित रोकने का कोई इंतजाम नहीं था। इस संबंध में निर्माण कराने वाले प्रमुख ठेकेदार, होटल मालिक से पुलिस पूछताछ करेगी।