यूपी पुलिस के दारोगा ने रची थी ताइक्वांडो खिलाड़ी हत्याकांड की साजिश, कॉल डिटेल से खुल गया सारा खेल
जौनपुर। ताइक्वांडो खिलाड़ी अनुराग यादव हत्याकांड में गौराबादशाहपुर पुलिस ने शनिवार को एक एसआई को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इस हत्याकांड की साज़िश एसआई ने ही रची थी। हत्या के एक दिन पहले से लेकर अब वो आरोपियों के संपर्क में बना हुआ था। पूछताछ के दौरान साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के कबीरुद्दीनपुर गांव के दो यादव परिवारों के बाच 40 साल से जमीन विवाद चला आ रहा था। बीते 30 अक्टूबर एक पक्ष ने कहासुनी के दौरान दूसरे पक्ष के ताइक्वांडो खिलाडी अनुराग यादव की तलवार से गला काटकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर यूपी सरकार को निशाने पर ले लिया था।
हाथ में बेटे का सिर लेकर बिलखती रही मां…
कबीरुद्दीनपुर गांव में हुए इस हत्याकांड की खबर थोड़ी ही देर में पूरे देश में फैल गई। हत्याकांड इतना जघन्य था कि लोगों के रोंगटे खड़े हो गए थे। तलवार से वार के कारण अनुराग का सिर धड़ से अलग हो गया था और उसका कटा हुआ सिर परिजन लेकर बिलख रहे थे। इस घटना के बाद डीएम व एसपी समेत कई थाने की फोर्स मौके पर पहुंच गयी थी। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने घर के अंदर छुपे आरोपी के पिता को हिरासत लेकर अन्य कार्रवाई में जुट गई। इसके बाद मुख्य आरोपी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
जांच में एसआई का नाम भी आ गया सामने…
हत्याकांड के बाद गौराबादशाहपुर पुलिस ने विवेचना शुरू की तो इसमें शामिल लोगों के नाम सामने आने शुरू हो गए। सर्विलांस की मदद देने पर एक नाम चौंकाने वाला पुलिस के सामने आया। वह नाम किसी और का नहीं बल्कि मेरठ में तैनात एक पुलिस वाले का ही था। हत्याकांड की कड़ियां जोड़ते-जोड़ते पुलिस मेरठ जनपद के मवाना थाने में तैनात दारोगा राजेश यादव तक पहुंच गई। राजेश यादव को पूछताछ के लिए गौराबादशाहपुर थाने बुलाया गया। यहां पूछताछ के दौरान ही सामने आया कि राजेश यादव इस हत्याकांड की साजिश रचने वाला है। घटना के पहले और हत्या के दिन वो लगातार आरोपियों से संपर्क में था।
कॉल डिटेल से खुला सारा खेल…
विवेचना कर रही टीम ने राजेश यादव के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकाली तो सारी परतें खुल गईं। राजेश यादव हत्यारोपियों के लगातार संपर्क में था। घटना के एक दिन पहले राजेश की लगातार हत्यारोपियों से बात होती रही। घटना के दिन भी उसने कई बार कॉल किया। हत्यारोपी जब फरार हुए तो भी वो संपर्क में बना हुआ था। इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।