बाराबंकी में उतरने लगा पानी, चढ़ने लगा सियासी पारा, निशाने पर आए सांसद, विपक्ष पर साधा निशाना
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में जैसे-जैसे बाढ़ का पानी उतर रहा है, सियासी पारा चढ़ने लगा है। तीसरे दिन कई इलाकों में पानी का लेवल नीचे आया। हालांकि, निचले इलाकों में अभी भी स्थिति खराब है। एनडीआरएफ लगातार 36 घंटों से अभियान चला रही है। इसके बाद भी रेस्क्यू ऑपरेशन को खत्म नहीं बताया जा रहा है। जनजीवन सामान्य होने में अभी समय लगने की बात कही जा रही है। प्रशासन की ओर से मदद का भरोसा दिलाया जा रहा है। बाराबंकी सांसद उपेंद्र सिंह रावत लोगों के घरों तक पहुंच कर सहायता पहुंचा रहे हैं। नाव से भोजन और पानी की व्यवस्था करते दिख रहे हैं। दूसरी तरफ, विपक्ष ने उनके घर के आगे हुए जलजमाव को मुद्दा बना दिया है। इस जलजमाव के जरिए सांसद को घेरने की कोशिश की गई तो उरन्होंने भी जोरदार पलटवार किया है। सांसद ने आपदा की स्थिति में भी घरों से राजनीति कर रहे सपा विधायकों पर निशाना साधा।
बाराबंकी शहर क्षेत्र में बीते रविवार रात हुई बारिश से आई विकराल बाढ़ का पानी तीसरे दिन यानी बुधवार को घटने लगा है। वहीं एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पुलिस, पीएसी की बाढ़ टीम ने 4432 लोगों को बाढ़ ग्रसित घरों से सुरक्षित निकला है। हालांकि सड़कों से बाढ़ का पानी अब घटने लगा है। शहर में डूबे हुए इलाकों में बुधवार को कमरियाबाग, छाया चौराहा, पटेल तिराहे, ओबरी के कोठीडीह, विकास भवन के निकट शांतिपुरम, व नई बस्ती जलभराव के बीच 8 इंच पानी नीचे हुआ है। वहीं लखपेड़ाबाग कालोनी में सांसद उपेंद्र सिंह रावत के आवास दरवाजे पर अभी भी 2 फिट पानी भरा हुआ है।
नाव से लोगों के घर पहुंचे सांसद…
भीषण जल प्रलय में घरों में फंसे लोगों को राहत देने के लिए शहर के सांसद उपेंद्र रावत दशहराबाग वार्ड में नाव से लोगों के घर पहुंचे। जहां उन्होंने ने बाढ़ से डूबे घरों में शामिल सभासद प्रतिनिधि आलोक वर्मा, नरेंद्र बहादुर सिंह, सरवर अली, अब्बास, शिवचरण लाल सोनी, संतोष रस्तोगी समेत डेढ़ सौ घरों में खाने के पैकेट और पानी वितरित किए।
प्रशासन की लापरवाही आई सामने…
निचले इलाके की कालोनी दशहराबाग में सरकारी खजाने से करीब 6 करोड़ की लागत से नाली सड़क और जल निकासी के लिए 3 जेट पम्प लगाए गए थे। लेकिन, विकास कार्य अव्यवस्था के शिकार हो गया। मीडिया से बात करते हुए सांसद ने बताया कि भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है। 3 जेट पम्प लगाए गए थे। इसमें जनरेटर दो दिन खराब पड़ा रहा। मैंने नाराजगी जताई तो जनरेटर चलवाया गया है। प्रशासन को समय से जनरेटर लगाना चाहिए था। इसमें प्रशासन ने लापरवाही की है। ये जनता की जानमाल का मामला है, इसमें कोई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए थी।
कांग्रेस के निशाने पर बीजेपी सांसद…
शहर में बारिश की बाढ़ को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को सोशल मीडिया एक्स अकाउंट (ट्विटर) पर सांसद को निशाने पर लिया। कांग्रेस ने लिखा कि ये हैं बाराबंकी के भाजपा सांसद उपेंद्र सिंह रावत। जो अपने घर से निकल कर कहीं बाहर जा रहे हैं। देख लीजिये और सोचिए! जब सांसद आवास के मार्ग का ये हाल है तो आम जन के आवास के राह की हालत क्या होगी? अब जनता शिकायत तो न ही करे। जब बेचारे सांसद इस हाल में हैं तो और लोगों का क्या हाल होगा?
सांसद ने किया पलटवार…
कांग्रेस के ट्वीट पर सांसद उपेंद्र सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि लिखना कुछ और चाहिए था। जो दिखाना चाहिए वो दिख नही रहा। जब पानी आता है तो क्या सांसद और क्या आम जनता। सांसद ने सवाल खड़ा किया कि क्या बाढ़ का पानी सांसद, विधायक, मंत्री सरकार किसी के आवास को छोड़ देगा? सांसद ने कहा कि मोहल्ले के एक घर में फंसे बुजुर्ग को बचाने के लिए मैं दरवाजे पर भरे 3 फीट गहरे पानी में कूद कर गया था। सांसद ने कहा कि घर में बैठकर ट्वीट करने की जगह लोगों को जमीन पर उतरकर पीड़ितों की मदद करनी चाहिए।
बाढ़ पीड़ितों से मिलने के बाद सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने जिले में समाजवादी पार्टी के तीन विधायकों पर निशाना साधते हुए बताया कि शहर इतने पानी में…. उन लोगों को ये सोचना चाहिए कि जिनकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई है। इतने पानी में भी सांसद कूद कर पानी में निकल रहा है और लोगों को निकालने का काम कर रहा है। दो दिनों में अब तक 112 लोगों को मैंने स्वयं रेस्क्यू किया है। इसके साथ ही जिला प्रशासन भी लगातार मदद कर रहा है। यह स्थिति 12 घंटे की बरसात में हुई है।
लोगों का करोड़ों का हुआ नुकसान…
रविवार रात में अचानक शुरू हुई 12 घंटे की बारिश में सोमवार को तबाही ला दी। शहर के मुख्य बाजार में राशन की दुकानों, दवाइयों की मार्केट, बेकरी समेत शहर के अंदर आने जाने वाले पुल भी नुकसान की जद में हैं। इस आपदा से नुकसान हुए व्यापारी और आम लोग अपने दर्द को रोते हुए बयां कर रहे हैं और नुकसान की पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन को ठहरा रहे हैं। जिले बड़े बेकरी में शुमार छाया चौराहे पर स्थित टंडन बेकरी के मालिक ने बताया कि दुकान के समाने नाला जिसकी समय पर सफाई नही हुई और पूरा नाला चोक था। इस वजह से बेसमेंट में बनी पूरी दुकान पानी में डूब गई, जिसमें लाखों का माल रखा हुआ था।