स्लो पॉइजन देकर 5 लोगों की हत्या: एक महीने में पूरे परिवार की गई जान, तीन हुए बीमार; बहू और महिला रिश्तेदार को पुलिस ने किया गिरफ्तार
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में एक महीने के अंदर एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने बुधवार 18 अक्टूबर को घर की बहू और एक महिला रिश्तेदार को गिरफ्तार किया। दोनों पिछले एक महीने से सभी को खाने-पीने की चीजों में स्लो पॉइजन दे रही थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी महिलाएं संघमित्रा कुम्भारे (22) और रोजा रामटेके (36) हैं। मृतकों की पहचान संघमित्रा के पति रोशन कुम्भारे, शंकर कुम्भारे (ससुर), विजया (सास), कोमल (ननद) और वर्षा उराडे (सास की बहन) के रूप में की गई है। पुलिस ने बताया कि अकोला की रहने वाली संघमित्रा का रोशन के साथ प्रेम-प्रंसग था। संघमित्रा के घरवाले दोनों के रिश्ते के खिलाफ थे। दिसंबर साल-2022 में संघमित्रा ने घर से भागकर रोशन से शादी कर ली। शादी के बाद संघमित्रा गढ़चिरौली में अपने ससुरालवालों के साथ रहने लगी। शादी के बाद रोशन उसके साथ मारपीट करने लगा। उसके घरवाले भी संघमित्रा के साथ बुरा व्यवहार करते थे। संघमित्रा इससे परेशान रहने लगी।
संघमित्रा के पिता ने खुदकुशी कर ली…
संघमित्रा के पिता को जब इसके बारे में पता चला तो उन्होंने अप्रैल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दो महीने पहले रक्षाबंधन पर संघमित्रा ने मायके जाने की जिद की, लेकिन पति और ससुरालवालों ने इजाजत नहीं दी। इस दौरान रोशन ने पत्नी से मारपीट भी की। पुलिस ने बताया कि लड़ाई-झगड़े के बाद संघमित्रा रो रही थी। इस दौरान विजया की भाभी रोजा उसे सांत्वना देने के लिए आई।
बहू के साथ ममेरी सास ने रची साजिश…
रोजा और विजया के बीच पैतृक संपत्ति को लेकर सालों से विवाद चल रहा था। विजया अपनी चार बहनों और एक भाई के बीच पिता की चार एकड़ जमीन का बराबर बंटवारा चाहती थी। जबकि, रोजा पूरी जायदाद पर अपने पति का अधिकार चाहती थी। संघमित्रा ने रोजा को बताया कि वह अपने ससुरालवालों को मारना चाहती है। रोजा ने मौके का फायदा उठाया। उसने संघमित्रा से कहा कि वह उसकी मदद करेगी।
गूगल पर हत्या करने के तरीके सर्च किए…
इसके बाद दोनों ने कुम्भारे परिवार की हत्या की साजिश रची। उन्होंने गूगल पर लोगों को मारने के अलग-अलग तरीके सर्च किए। इस दौरान उन्हें थैलियम जहर के बारे में पता चला, जिसे खाने के बाद धीरे-धीरे इंसान बीमार पड़ता है। फिर उसकी मौत हो जाती है। जांच के दौरान इंसान के शरीर में थैलियम का पता लगाना भी मुश्किल होता है।