रिटायर्ड टीचर की पत्नी और बुजुर्ग पिता की धारदार हथियार से हत्या
कानपुर देहात के भोगनीपुर थाना क्षेत्र में दोहरे हत्याकांड से हड़कंप मच गया। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मौके पर साक्ष्य संकलन के लिए फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है। रिटायर्ड टीचर के दोनों बेटों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। अमरौधा कस्बे के टंडन नगर इलाके में रहने वाले रिटायर्ड टीचर विमल द्विवेदी की तीसरी शादी ने काफी सुर्खियां बटोरी थी। रिटायर होने पर मिले पैसों के सहारे 64 साल की उम्र में उन्होंने 28 साल की लड़की जीवन साथी बनाया। दो पत्नियों के बच्चों ने पिता की तीसरी शादी का विरोध किया रिटायर्ड टीचर विरोध को को नजरअंदाज कर तीसरी पत्नी के साथ अलग रहने लगे।
भारी पड़ी रिटायरमेंट के बाद तीसरी शादी…
गुरुवार सुबह विमल द्विवेदी के चिल्लाने पर पड़ोसी इकट्ठा हो गए। घर का खौफनाक मंजर देखकर पड़ोसियों के पैरों तले जमीन खिसक गई. खून से लथपथ रिटायर्ड टीचर विमल द्विवेदी कराह रहे थे। दूसरी तरफ पत्नी खुशबू और पिता राम प्रकाश का शव पड़ा हुआ था। वारदात की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया। लोगों से पूछताछ में पता चला कि रिटायर्ड टीचर ने तीसरी शादी की थी। परिजनों ने तीसरी शादी का विरोध किया था । पुलिस को पता चला कि विरोध को नजरअंदाज कर रिटायर्ड टीचर ने तीसरी पत्नी के साथ अलग रहने का फैसला किया । दो पत्नियों के बच्चों पर शक गहरा गया। पुलिस ने दो बेटों ललित और अक्षत को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। पुलिस की सख्ती के आगे दोनों टूट गए। अपराध कबूल करने के बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों बेटों ने बताया कि पिता और खुशबू को परिजनों ने शादी करने से मना किया था। बात नहीं मानने पर घर में घुसकर चाकू और पत्थर से हमला कर दिया। हमले में रिटायर्ड टीचर के पिता और पत्नी की मौत हो गई।
हमले में टीचर के पिता और पत्नी की मौत…
पुलिस अधीक्षक बीबी जीटीएस मूर्ति ने बताया कि हत्याकांड के पीछे रिटायर्ड टीचर विमल की तीसरी शादी प्रमुख कारण है। विमल द्विवेदी ने दो शादियां पहले की थी। रिटायरमेंट के बाद 28 साल की लड़की से शादी का विरोध परिवार में जमकर हुआ। दोनों पत्नियों के बेटों ने भी पिता के फैसले का विरोध किया। शक के आधार पर दोनों बेटों से पूछताछ की गई। पूछताछ में उन्होंने अपराध स्वीकार कर लिया है। हत्या के पीछे रिटायरमेंट का पैसा और प्रॉपर्टी मानी जा रही है। रिटायर्ड टीचर की संपत्ति दो बीवियों में बंटनी थी। संपत्ति में तीसरा हिस्सेदार आने से बंटवारे की रकम कम हो रही थी।