रोटी-बेटी के बाद अब नेपाल से जुड़ने जा रहा है एक और रिश्ता,जगमगाएंगे दर्जनों गांव
गोरखपुर। भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का संबंध है।नेपाल में सबसे अधिक टूरिज्म एक्टिविटी के लिए भी भारत के लोग ही जाते रहते हैं। नेपाल के साथ अब एक और बड़ा काम किया जा रहा है। गोरखपुर के जरिए नेपाल के दो दर्जन से अधिक बिजली घरों की आपूर्ति पूरी की जाएगी। इसको लेकर तैयारी भी पूरी कर ली गई है। 10 नवंबर को ट्रायल किया जाएगा। ट्रायल के बाद इसको शुरू कर दिया जाएगा।
पिछले साल दोनों देशों के प्रधानमंत्री के जरिए एक सहमति बनी थी, जिसमें बिजली आदान-प्रदान को लेकर बात हुई थी। इसमें केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से पूर्व ट्रांसमिशन जॉन गोरखपुर को एक बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी। इसके जरिए गोरखपुर ट्रांसमिशन नेपाल को रोशन करने की बात कही गई थी। नौतनवा ट्रांसमिशन से नेपाल के मैनिहवा ट्रांसमिशन बिजली घर तक नई लाइन तैयार की जा रही थी जो पूरी हो गई है।
अब 10 नवंबर को इसका पहला ट्रायल किया जाएगा, जिसके लिए नौतनवा और मैंनिहवा ट्रांसमिशन बिजली घर के बीच डबल सर्किट लाइन का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। इसकी क्षमता 400 एम्पीयर है। इस लाइन के जरिए ही नेपाल के दो दर्जन बिजली घरों की आपूर्ति दी जा सकेगी। इस ट्रांसमिशन लाइन के निर्माण का काम मार्च 2023 में शुरू किया गया था,जिसमें लगभग 7 करोड़ रुपए लगे। प्रोजेक्ट को अक्टूबर में पूरा होना था, लेकिन कुछ तकनीकी कारण के वजह से यह नहीं हो पाया।
अधिक्षण अभियंता डीपी जोशी ने बताया कि भारत नेपाल सरकार के बीच बिजली आपूर्ति को लेकर नौतनवा ट्रांसमिशन से नेपाल के मैनिहवा ट्रांसमिशन बिजली घर तक लाइन बनकर तैयार है। 10 नवंबर को लाइन का ट्रायल होगा। वहीं इस लाइन के निर्माण में 4 टावर लगाए गए हैं। साथ ही नेपाल विद्युत परिषद ने अपने वहां लाइन पहले ही बनाकर तैयार भी कर ली है।