जिले का टॉप टेन अपराधी हिस्ट्रीशीटर स्वास्थ्य विभाग में कर रहा नौकरी
प्रतापगढ़। थाने का टॉपटेन अपराधी हिस्ट्रीशीटर स्वास्थ्य विभाग की आंखों में गंगाजली बालू स्वास्थ्य विभाग के आंखों में झोंक कर विगत पन्द्रह वर्ष से नौकरी कर रहा है और मानदेय वेतन एवं अन्य मद के रूप में सरकारी धन गबन कर रहा है। उक्त हिस्ट्री शीटर जनपद के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर नौकरी कर चुका है। वहीं वर्तमान समय में विगत चार वर्ष से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संग्रामगढ़ में बीसीपीएम के पद पर कार्यरत है। सीएमओ से शिकायत किया गया, कोई कार्यवाही नहीं होने पर जिलाधिकारी से शिकायत किया गया है।
मानिकपुर थाना में टॉपटेन में छः नम्बर का हिस्ट्रीशीटर अनिल कुमार पुत्र अशोक कुमार निवासी काक्षी पट्टी कस्बा मानिकपुर थाना मानिकपुर पर सन 1998 में मुकदमा संख्या- 271/1998 धारा 147, 333, 336, 332, 353, 342, 504, 506, 393, 188, 427, 307 भादवि 7 सीएलए एक्ट में पंजीकृत हुए। वहीं मुकदमा अपराध संख्या- 282/1998 धारा 3 एनएसए एवं मुक़दमा अपराध संख्या- 60/2007 धारा 110 जी में मुकदमे पंजीकृत हुए। शिकायतकर्ता का आरोप है कि दस्तावेज में छेड़ छाड़ करके स्वास्थ्य विभाग में हिस्ट्री शीटर अनिल कुमार विगत पन्द्रह वर्ष से नौकरी कर रहा है जिसकी शिकायत पांच सितम्बर 23 को सीएमओ से किया गया। उक्त प्रकरण की जांच सीएमओ डॉ गिरेन्द्र मोहन शुक्ल ने ज़िला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह को सौंपा था। शिकायतकर्ता को उक्त प्रकरण में सम्बन्धित के द्वारा कोई सूचना आख्या प्रस्तुत नही किया गया।कार्यवाही नही होने के कारण शिकायतकर्ता 12 मार्च 24 को जिलाधिकारी प्रतापगढ़ एवं मंडलायुक्त प्रयागराज से शिकायत किया है।
जानकारी के मुताबिक उक्त बीसीपीएम अनिल कुमार पर पूर्व में दर्ज हुए मुकदमें वर्ष- 2015 के आस पास साक्ष्य अभाव में बरी हो गया है। किन्तु वर्तमान समय में भी थाना मानिकपुर हिस्ट्रीशीट डैस बोर्ड पर टॉपटेन में छः नम्बर पर नाम दर्ज़ है जो कि सार्वजनिक है। वहीं सूत्रों की माने तो अनिल कुमार वर्ष- 2008 से स्वास्थ्य विभाग में बीसीपीएम की नौकरी कर रहा है। हालांकि यह जांच का विषय है जो स्वास्थ्य विभाग प्रतापगढ़ करना नही चाहता है। उक्त प्रकरण में स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी करते हैं। कभी कहेंगे पुलिस ने बेवजह हिस्ट्रीशीटर बना दिया तो कभी कहेंगे वो अनिल कुमार यह बीसीपीएम अनिल कुमार नही है। जब कहा गया कि पिता का नाम दोनों का एक है तो बोलते हैं कि पिता भी बदल जाते है। वहीं अनिल कुमार यह भी कहना है कि बीसीपीएम अनिल कुमार की नियुक्ति वर्ष- 2016 में हुई है, जब लिखित आख्या मांगा जाता है तो देने को तैयार नहीं होते हैं।