मुझसे क्या भूल हुई जो ये सजा मुझको मिली, बच्चों की तरह फूट-फूटकर रोए पप्पू यादव, जनता भी हो गई इमोशनल
पटना। लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर बिहार में सियासी हंगामा अपने चरम पर हैं। इंडिया गठबंधन की सीट शेयरिंग के तहत राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के हिस्से में आई पूर्णिया लोकसभा सीट चर्चा का विषय बनी हुई है। एक तरफ जहां राजद उम्मीदवार बीमा भारती ने नामांकन दाखिल किया तो वहीं कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने भी बीते गुरुवार को नामांकन दाखिल कर पूर्णिया की लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है। हालांकि पप्पू यादव पूर्णिया सीट को लेकर बहुत ही इमोशनल हैं और इसकी बानगी नामांकन दाखिल करने के बाद एक जनसभा में दिखी।
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पप्पू यादव भाषण देते-देते इतने इमोशनल हो गए। वो इस कदर भावुक हुए कि मंच पर ही फूट-फूटकर रोने लगे। पप्पू यादव ने पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र से नामांकन के बाद टाउन हॉल में एक जनसभा को संबोधित किया। इस मौके पर पप्पू यादव ने रोते हुए अपना इमोशनल कार्ड खेला। वहीं अपने भाषण में उन्होंने लालू यादव और तेजस्वी यादव पर जमकर तंज कसा।
उन्होंने कहा, ‘आखिर मुझमें क्या कमी थी, क्यों मुझे बार-बार कहा जा रहा था कि मधेपुरा चले जाओ, सुपौल चले जाओ। जबकि मैंने कांग्रेस में अपनी पार्टी के विलय से पहले ही लालू यादव से भी मुलाकात कर कहा था कि मैं पूर्णिया छोड़कर कहीं नहीं जा सकता। मैं पूर्णिया से ही चुनाव लड़ूंगा। इसके बावजूद पूर्णिया से राजद के प्रत्याशी को नामांकन करवा दिया गया।’
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इसके अलावा पप्पू यादव ने कहा, ‘इतना ही नहीं आज तक आप कहीं किसी के नामांकन में नहीं गए। लेकिन पहली बार मेरे खिलाफ पूर्णिया पहुंच गए।’ उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने उन्हें सम्मान दिया है। वह कभी कांग्रेस से अलग नहीं होंगे। लेकिन कांग्रेस और राजद के कुछ नेता उनके विरोध में खड़े हैं। आखिर मुझसे क्या गलती हुई है ? मैंने तो पूर्णिया में पिछले 1 साल से हर घर से नाता जोड़ा है। प्रणाम पूर्णिया के तहत हर गांव-गांव गए हैं। मैं जाति की राजनीति नहीं करता हूं।’
पप्पू यादव ने कहा, ‘मधेपुरा ने मुझे दो-दो बार हराने का काम किया। फिर कैसे मैं मधेपुरा में चुनाव लड़ूं ? आप बीमा भारती को सुपौल दे देते, मुझे कोई एतराज नहीं था। लेकिन मुझे बार-बार क्यों टॉर्चर किया जा रहा था ? क्यों मुझे पूर्णिया छोड़ने के लिए दवाब बनाया जा रहा था ?’ पप्पू यादव ने कहा कि पूर्णिया, कोसी और सीमांचल को वह देश में सबसे अव्वल बनाएंगे। इस दौरान भाषण देते देते पप्पू यादव काफी इमोशनल हो गए। अब पप्पू यादव वास्तव में भावुक हुए कि इसमें भी वह जनता में अपने प्रति भावनात्मक जुड़ाव के लिए महज एक ट्रंप कार्ड तो नहीं था।