जाली नोटों की तस्करी करने वाले गैंग के एक सदस्य को एटीएस ने मुम्बई से किया गिरफ्तार, बांग्लादेश में होती थी छपाई
वाराणसी। भारतीय जाली नोटों की तस्करी करने वाले गिरोह के सक्रिय सदस्य व 25 हजार रुपये का इनामिया दुईस्ता विधि, थाना कलियाचक मालदा, पश्चिम बंगाल निवासी इंद्रजीत मण्डल को यूपी एटीएस की वाराणसी टीम ने मुम्बई से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपों से पूछताछ पर कई खुलासे हुए हैं। यह कारवाई यूपी एटीएस के डिप्टी एसपी विपिन राय के निर्देशन में वाराणसी यूनिट ने किया है। पिछले दिनों एटीएस के डिप्टी एसपी विपिन राय ने कार्रावाई करते हुए जाली नोटों की तस्करी करने वाले गिरोह पर शिकंजा कसा था इस दौरान इंद्रजीत मण्डल का नाम सामने आया था।
इस संदर्भ में वाराणसी कमिश्नरेट में मुकदमा भी दर्ज किया गया था। मुकदमा दर्ज करने के बाद इंद्रजीत मण्डल पर 25 हजार रुपये इनाम घोषित किया गया था जिसे आज एटीएस की टीम ने गिरफ्तार किया है। पिछले दिनों 27 जनवरी 2024 को एटीएस ने कार्रवाई करते हुए वाराणसी कमिश्नरेट में दर्ज वांछित आरोपी दीपक कुमार व चंदन सैनिक तथा 6 फरवरी 2024 को अंकुर मौर्या व विपिन गुप्ता उर्फ अवनीश को गिरफ्तार किया था। जिससे इस बात का खुलासा हुआ था कि बांग्लादेश में छपने वाली जाली करेंसी को भारत में लाया जाता है, जिसके बाद उसे सप्लाई किया जाता है। इस काम में इंद्रजीत मण्डल की महत्वपूर्ण भूमिका है। जिसके बाद से ही एटीएस को इंद्रजीत मण्डल की तलाश थी, जिसे आज गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली है।
गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है की जाली नोटों की तस्करी करने के लिए एक गिरोह लंबे समय से सक्रिय था। यह गुरोह बांग्लादेश के अपराधियों के साथ मिलकर वहां पर भारतीय नोटों से मिलती हुई जाली नोट तैयार करते थे। उसके बाद तस्करों की मदद से यह नोट बांग्लादेश से उत्तर प्रदेश लाई जाती थी। उत्तर प्रदेश में जाली नोट आने के बाद सिंडिकेट की मदद से अन्य जिलों में पहुंचाई जाती थी।