Loksabha_Election_2024: आईये जाने सूबे की सुल्तानपुर लोकसभा सीट का संसदीय इतिहास, वहां का जातिगत समीकरण और चुनावी आंकड़ों की गुणा-गणित
Loksabha Election 2024: गोमती नदी के किनारे बसा सुल्तानपुर लोकसभा सीट अपने आप में कई इतिहास समेटे हुए है। इस लोकसभा सीट की पहचान अब चुनाव में बीजेपी के गांधी परिवार से भी जुड़ गई है क्योंकि बीते एक दशक से मेनका गांधी का परिवार इस सीट से चुनाव लड़ रहा है। साल- 2014 के चुनाव में वरुण गांधी यहां से सांसद चुने गए तो साल- 2019 के चुनाव में मेनका गांधी यहां से चुनाव लड़ी और जीतकर संसद पहुंची।
सुल्तानपुर लोकसभा सीट का संसदीय इतिहास
अगर बात करें इस सीट के इतिहास की तो लंबे समय तक यह सीट कांग्रेस के पास ही रही। इस सीट पर 17 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। इस सीट पर साल- 1957 से लेकर साल- 1977 तक कांग्रेस का कब्जा रहा, लेकिन साल- 1977 में ये सीट कांग्रेस के हाथ से जनसंघ ने छीन ली। हालांकि साल- 1980 और साल- 1984 के चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर दुबारा वापसी की। इस सीट पर हुए साल- 1957 के पहले चुनाव में कांग्रेस के गोविंद मालवीय चुनाव जीतकर संसद पहुंचे।
इसके बाद साल- 1962 में हुए चुनाव में कांग्रेस के कुंवर कृष्णा यहां से सांसद बने। फिर साल- 1967 और साल- 1971 के चुनाव में भी ये सीट कांग्रेस के पास ही रही। लेकिन साल- 1977 में हुए चुनाव में जनता पार्टी के जुल्फिकार उल्लाह यहां से सांसद बने। हालांकि साल- 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर वापसी करते हुए इस सीट पर कब्जा जमाया और गिरिराज सिंह सांसद बने। वहीं साल- 1984 के चुनाव में कांग्रेस से राज करण सिंह सांसद बने। जबकि साल- 1989 के चुनाव में जनता दल के राम सिंह ने कांग्रेस को फिर से यहां से हराया।
वहीं साल- 1991 के चुनाव में इस सीट पर बीजेपी का खाता खुला और बीजेपी के विश्वनाथ शास्त्री यहां से जीत कर संसद पहुंचे। इसके बाद साल- 1996 और साल- 1998 के चुनाव में देवेंद्र बहादुर राय बीजेपी के खाते से चुनाव जीते। लेकिन अगले ही साल- 1999 के चुनाव में बसपा ने पहली बार यहां से खाता खोला और जय भद्र सिंह यहां से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। साल- 2004 के चुनाव में बसपा के खाते से मोहम्मद ताहिर सांसद बने। जबकि साल- 2009 के चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर यहां से जीत दर्ज की और संजय सिंह सांसद बने। वहीं साल- 2014 के मोदी लहर में वरुण गांधी ने इस सीट को बीजेपी के खाते में डाला और साल- 2019 में फिर से मेनका गांधी ने इस सीट पर कमल खिलाया।
लोकसभा क्षेत्र सुल्तानपुर सीट की 5 विधानसभा सीटें
अगर बात करें विधानसभा सीटों की तो इस संसदीय क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटें हैं। इनमें इसौली, सुल्तानपुर, सुल्तानपुर सदर, कादीपुर (सुरक्षित) और लम्भुआ सीटें शामिल हैं। साल- 2022 के विधानसभा चुनाव में इनमें से सिर्फ इसौली सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई थी जबकि सुल्तानपुर, सुल्तानपुर सदर, कादीपुर और लम्भुआ विधानसभा सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी।
लोकसभा सीट सुल्तानपुर में मतदाताओं की संख्या
सुल्तानपुर सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या- 17 लाख, 57 हज़ार, 47 है, जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या- 9 लाख, 18 हज़ार, 641 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या- 8 लाख, 38 हज़ार, 317 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या- 89 है।
साल- 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2004 के लोकसभा चुनाव में बसपा के मोहम्मद ताहिर चुनाव जीते। ताहिर को कुल 2 लाख, 61 हज़ार, 564 वोट मिले। वहीं दूसरे नंबर पर सपा के शैलेंद्र प्रताप सिंह रहे। शैलेंद्र को कुल 1 लाख, 59 हजार, 754 वोट मिले। जबकि तीसरे नंबर कांग्रेस के कैप्टन सतीश शर्मा रहे। सतीश शर्मा को कुल 1 लाख, 54 हज़ार, 245 वोट मिले।
साल- 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से संजय सिंह यहां से सांसद बने संजय सिंह को कुल 3 लाख, 411 वोट मिले थे। वहीं दूसरे नंबर पर बसपा के मोहम्मद ताहिर रहे। ताहिर को कुल 2 लाख, 1 हज़ार, 632 वोट मिले। जबकि तीसरे नंबर पर सपा के अशोक पांडेय रहे। अशोक को कुल 1 लाख, 7 हज़ार, 895 वोट मिले।
साल- 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
अब अगर साल- 2014 के लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो सुल्तानपुर सीट पर बीजेपी से वरूण गांधी ने जीत दर्ज की थी। वरुण ने बसपा के पवन पांडेय को चुनाव हराया था। वरुण को कुल 4 लाख, 10 हज़ार, 348 वोट मिले थे। जबकि बसपा के पवन पांडेय को 2 लाख, 31 हज़ार, 446 वोट मिले थे, वहीं तीसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी से शकील अहमद रहे। शकील को कुल 2 लाख, 28 हज़ार, 144 वोट मिले थे।
साल- 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर साल- 2019 में हुए चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर बीजेपी से मेनका गांधी ने जीत दर्ज की थी। मेनका गांधी ने बसपा के चंद्र भद्र सिंह उर्फ सोनू को चुनाव हराया था। मेनका को कुल 4 लाख, 59 हज़ार, 196 वोट मिले थे। जबकि बसपा के चंद्र भद्र सिंह को 4 लाख, 44 हजार, 670 वोट मिले। वही तीसरे नंबर पर कांग्रेस के संजय सिंह रहे। जिन्हें महज 41 हजार, 681 वोट पड़े।
सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर भाजपा और सपा में चुनावी घमासान आमने-सामने है
लोकसभा चुनाव- 2024 में सुल्तानपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार मेनका गांधी का समाजवादी पार्टी (सपा) के रामभुआल निषाद से सीधा मुकाबला है। फ़िलहाल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से उदयराज वर्मा चुनावी मैदान में हैं। पर वह चुनावी लड़ाई से बाहर हो चुके हैं।
लोकसभा सीट सुल्तानपुर पर जातीय समीकरण
सुल्तानपुर संसदीय सीट के जातीय समीकरण को देखें तो साल- 2011 की जनगणना के हिसाब से यहां पर अनुसूचित जाति की आबादी सबसे अधिक है। उनकी जनसंख्या यहां पर 20 फीसदी से अधिक है। इनके अलावा ठाकुर और पंडित बिरादरी के वोटर्स अहम भूमिका में रहते हैं। मुस्लिम वोटर्स भी हार-जीत में अहम भूमिका रखते हैं, लेकिन पिछले 2 चुनावों में जिस तरह से बीजेपी को जीत मिली है, उससे जातीय समीकरण कुछ खास मायने नहीं रखता है। वहीं अगर बात साल- 2024 के लोकसभा चुनाव की करें, तो यहां से बीजेपी ने फिर से मेनका गांधी को मैदान में उतारा हैं। जबकि इंडिया गठबंधन और बसपा ने अब तक किसी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की हैं।