Loksabha_Election_2024: आईये जाने सूबे की बलिया लोकसभा सीट का संसदीय इतिहास, वहां का जातिगत समीकरण और चुनावी आंकड़ों की गुणा-गणित

बलिया। उत्तर प्रदेश की सियासत में पूर्वांचल अहम रोल निभाता है। पूर्वांचल का झुकाव जिसकी तरफ हुआ वो लखनऊ में सत्ता के सिंघासन पर बैठा। पूर्वांचल की बलिया लोकसभा में 7वें और अंतिम फेज में 1 जून को वोटिंग होगी। बलिया लोकसभा समाजवादी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह की सियासी जमीन रही है। चंद्रशेखर सिंह इस लोकसभा से 8 बार सांसद चुने गए थे।

बलिया से क्या भाजपा लगा पाएगी जीत की हैट्रिक…

क्रांतिकारियों की धरती रही है, बलिया 

Loksabha Election 2024: बलिया लोकसभा क्षेत्र पूर्वी उत्तर प्रदेश में बिहार से सटा हुआ जिला है। बलिया को बागी बलिया के नाम से भी जाना जाता है। यहां कई ऋषि महात्माओं का आश्रम हुआ करता था। इसके अलावा यह जिला पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के लिए याद किया जाता है। बलिया ने देश के लिए कई क्रांतिकारी पैदा किए। जिनमें मंगल पांडेय, चित्तू पांडेय, जय प्रकाश नारायण, हजारी प्रसाद द्विवेदी जैसे दिग्गज शामिल हैं। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि महान ऋषि जमदग्नि, वाल्मीकि, भृगु और दुर्वासा आदि ऋषियों के आश्रम बलिया में ही थे।

लोकसभा क्षेत्र बलिया सीट का संसदीय इतिहास

अपने आप में कई इतिहास समेटे बलिया पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की कर्मभूमि के रूप में भी जाना जाता है। गंगा और सरयू नदी के किनारे बसा यह शहर अपने आप में कई सारे राजनैतिक और पौराणिक इतिहास समेटे हुए है। साल- 1998 के चुनाव में चंद्रशेखर समाजवादी जनता पार्टी से जीत कर संसद पहुंचे। साल- 1999 के चुनाव में चंद्रशेखर समाजवादी जनता पार्टी से जीत कर संसद पहुंचे। साल- 2004 के चुनाव में भी चंद्रशेखर समाजवादी जनता पार्टी से सांसद चुने गए। लेकिन 8 जुलाई, 2007 को चंद्रशेखर  एक गंभीर बीमारी से परलोक सिधार गए।

बात करें राजनैतिक लोकसभा इतिहास की तो यहां  इस सीट पर पहली बार चुनाव साल- 1952 में हुए। पहली बार सोशलिस्ट पार्टी राम नगीना सिंह सांसद निर्वाचित होते हैं। साल- 1957 में चुनाव हुए, इस चुनाव में कांग्रेस के राधामोहन दूसरी बार सांसद बन। साल- 1962 के चुनाव में कांग्रेस के मुरली मनोहर सांसद बने। साल- 1967 और साल- 1971 में कांग्रेस चंद्रिका प्रसाद सांसद चुने गए। साल- 1977 के चुनाव में पहली बार भारतीय लोकदल से चंद्रशेखर सांसद बने और संसद पहुंचे। साल- 1980 में चंद्रशेखर जनता पार्टी से सांसद चुने गए। साल- 1984 में चंद्रशेखर को कांग्रेस के जगन्नाथ के हाथों हार मिली, लेकिन साल- 1989 के चुनाव में चंद्रशेखर जनता दल से सांसद बने।

साल- 1991 के चुनाव में चंद्रशेखर जनता पार्टी से सांसद बने। साल- 1996 के चुनाव में चंद्रशेखर सममाज्वादी पार्टी से चुनाव जीत कर सांसद बने। लगातार 6 बार लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह लोकसभा सपा से चंद्रशेखर सिंह के बेटे नीरज शेखर सिंह के पास आ गई। लंबे समय से बलिया लोकसभा में जीत का बाट जोह रही भाजपा को साल- 2014 में जीत मिली। मौजूदा समय में यहां से भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त सांसद हैं। भाजपा यहां से जीत की हैट्रिक लगाने के लिए ऐड़ी से लेकर चोटी तक का जोर लगा रखा है। वहीं सपा अपनी खोई हुई सीट को पाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।

लोकसभा क्षेत्र बलिया सीट की 5 विधानसभा सीटें 

बलिया संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आती है। जिनमें बलिया जिले की फेफना, बलिया नगर, और बैरिया शामिल हैं। तो वहीं गाजीपुर जिले की जहूराबाद और मोहम्मदाबाद विधानसभा भी बलिया लोकसभा क्षेत्र के ही अंतर्गत आती है। अगर साल- 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो यहां समाजवादी पार्टी ने फेफना, बैरिया और मोहम्मदाबाद की सीट पर अपना परचम लहराया था तो वहीं भाजपा और सुभासपा को बलिया नगर और जहूराबाद की सीट से क्रमश: जीत मिली थी। इससे पहले हुए साल- 2017 के विधानसभा चुनाव में बलिया की 4 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा रहा था और जहूराबाद विधानसभा से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर जीते थे।

लोकसभा सीट बलिया में मतदाताओं की संख्या

बलिया सीट पर कुल 17 लाख, 92 हज़ार, 420 वोटर थे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या- 9 लाख, 84 हज़ार, 467 थी। जबकि महिला वोटरों की संख्या- 8 लाख, 7 हजार, 891 थी। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या- 62 थी।

साल- 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर

2004 के लोकसभा चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर 8वीं बार सांसद बने थे। इस चुनाव में चंद्रशेखर को 2 लाख 70 हज़ार 136 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर बसपा के कपिल देव यादव रहे थे। कपिल देव को कुल 1 लाख 89 हज़ार 82 वोट मिले। तीसरे नंबर पर बीजेपी के परमात्मा नंद तिवारी रहे। परमात्मा नंद को इस चुनाव में 1 लाख 9 हजार 499 वोट मिले। हालांकि चंद्रशेखर की 2007 में मृत्यु हो गई थी..इसके बाद हुए उपचुनाव में चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर यहां से चुनाव जीत कर सांसद बने।

साल- 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर

2009 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर चुनाव जीते थे। नीरज शेखर को कुल 2 लाख 76 हज़ार 649 वोट मिले। दूसरे नंबर पर बसपा के संग्राम सिंह यादव रहे। संग्राम को कुल 2 लाख 4 हजार 94 वोट मिले…तीसरे नंबर पर बीजेपी के मनोज सिन्हा रहे। मनोज सिन्हा को कुल 1 लाख 37 हज़ार 740 वोट मिले।

साल- 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर

बलिया लोकसभा सीट पर 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पहली बार जीत मिली थी और यहां से भरत सिंह सांसद बने थे। भरत सिंह को कुल 3 लाख, 59 हज़ार, 758 वोट मिले। दूसरे नंबर पर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे और समाजवादी पार्टी प्रत्याशी नीरज शेखर रहे थे। नीरज को कुल 2 लाख, 20 हज़ार, 324 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर कौमी एकता दल से अफजाल अंसारी रहे थे। जिन्होंने इसके बाद गाजीपुर से अगला चुनाव लड़ा और जीतकर संसद पहुंचे। अफजाल को साल- 2014 के लोकसभा चुनाव में कुल 1 लाख, 63 हजार, 943 वोट मिले।

साल- 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर

हालांकि साल- 2019 के चुनाव में इस सीट पर भाजपा ने अपना प्रत्याशी बदलकर वीरेंद्र सिंह मस्त को मैदान में उतारा था।  अगर साल- 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त 4 लाख, 69 हजार, 114 वोट के साथ विजयी रहे थे। उन्होंने सपा के सनातन पांडे को 15 हजार, 519 वोटों के अंतर से मात दी थी। सपा के सनातन पाडें को कुल 4 लाख, 53 हजार, 595 वोट मिले थे। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विनोद 35 हजार, 900 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे थे।

बलिया से क्या भाजपा लगा पाएगी जीत की हैट्रिक या सपा-बसपा का ब्राह्मण-यादव फैक्टर बनेगा रोड़ा

भाजपा ने इस बार लोकसभा चुनाव-2024 में बलिया लोकसभा से भाजपा ने नीरज शेखर सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। सपा ने सनातन पांडेय को चुनावी मैदान में उतारा हैं। बसपा ने लल्लन सिंह यादव को चुनावी मैदान में उतारा है। बलिया लोकसभा से कुल 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। सनातन पांडेय सपा से लगातार दूसरी बार अपने सियासी भाग्य का फैसला करने के लिए चुनावी मैदान में हैं। साल- 2007 में हुए उप चुनाव में चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर यहां से उप चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे।

बलिया के बाबू कहे जाने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री

बलिया लोकसभा सीट, बलिया के बाबू कहे जाने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का गढ़ रहा है। वो यहां से कुल आठ बार जीतकर संसद पहुंचे। साल- 2007 में उनकी मृत्यु के बाद बलिया की जनता ने उनके बेटे नीरज शेखर को संसद भेजा। जिसके बाद साल- 2009 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर नीरज शेखर बलिया से जीत कर संसद पहुंचे थे।

लोकसभा सीट बलिया पर जातीय समीकरण 

अगर बात बलिया के जातिगत वोट की करें तो यहां सबसे ज्यादा करीब तीन लाख ब्राह्मण वोटर हैं। इसके बाद यादव और राजपूत वोटरों की संख्या करीब ढाई-ढाई लाख हैं जो यहां का सांसद चुनने में एक निर्णायक भूमिका निभाते है। मुस्लिम वोटरों की संख्या भी यहां तकरीबन एक लाख से ज्यादा है।  देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा बलिया में अपनी बादशाहत बरकरार रख पाएगी ? या इस बार बलिया सीट पर विपक्ष अपना परचम लहराएगा ? मौजूदा समय में नीरज शेखर राज्यसभा सांसद हैं। बलिया लोकसभा में सबसे अधिक लगभग 3 लाख ब्राह्मण वोटर हैं। इसके बाद 2.5-2.5 लाख यादव वोटर, राजपूत और दलित आते हैं। मुस्लिम वोटर भी लगभग एक लाख हैं।

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