यूपी विधानसभा उपचुनाव में भाजपा खेल रही हिंदू कार्ड, सपा के पास लगा दावेदारों का तांता, बसपा को इस समीकरण पर भरोसा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अभी विधानसभा उपचुनाव का शंखनाद नहीं हुआ है,लेकिन सूबे में सभी राजनीतिक दल तैयारी में जुट गए हैं। बैठक पर बैठक हो रही है,प्रत्याशियों के नाम को लेकर मंथन जारी है। कुछ दलों ने अंदर ही अंदर सीटों को लेकर कुछ नाम फाइनल भी कर लिए हैं।
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही फैजाबाद लोकसभा सीट को लेकर उपजी इस टीस को भारतीय जनता पार्टी अब अयोध्या से एक बड़ा संदेश देकर मिटाना चाहती है। अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट भाजपा के लिए कितनी बहुत महत्वपूर्ण है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते सप्ताह भर में सीएम योगी अयोध्या का दूसरा दौरा कर चुके हैं। मिल्कीपुर विधानसभा सीट को जिताने की जिम्मेदारी योगी के ही कंधों पर है।
सीएम योगी ने हाल ही में अयोध्या दौरे के दौरान कहा कि अयोध्या को अपने सम्मान की खुद चिंता करनी चाहिए और हिंदू समाज को यह देखना चाहिए कि उनकी चिंता कौन कर रहा है। सीएम ने कहा कि अयोध्या हमारे लिए जीत का विषय नहीं,लेकिन हमारी हार को जिस तरह से प्रचारित किया गया उस पर अयोध्या को मंथन करना चाहिए। हाल में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा विधानसभा क्षेत्र में सपा से 7 हजार मतों से पीछे रह गई थी। इस अंतर को पाटने के लिए जिले के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी मिल्कीपुर के कार्यकर्ताओं के साथ लगातार बैठके कर रहे हैं।
भाजपा अयोध्या से सटे जिले अंबेडकर नगर की कटेहरी विधानसभा सीट पर भी पूरा दमखम लगाने को तैयार है। यहां जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को प्रभारी बनाया गया है। चुनावी समीकरण को देखा जाए तो साल 1991 के बाद भाजपा को यहां जीत नहीं मिली है। कटेहरी विधानसभा सीट के जातीय समीकरण की काट निकालने के लिए भाजपा जुटी है। सपा से इसी सीट से विधायक चुने गए लाल जी वर्मा यहां अपनी पत्नी शोभावती वर्मा या पुत्री छाया वर्मा को प्रत्याशी बनवाना चाह रहे हैं। इसके अलावा सपा से भीम निषाद भी दावेदारी में शामिल है,जबकि भाजपा में दावेदारों की सूची काफी लंबी है।
संसद का मानसून सत्र खत्म होते ही सपा मुखिया अखिलेश यादव दस विधानसभा में होने वाले उपचुनाव को लेकर एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। उपचुनाव का टिकट पाने की खातिर अखिलेश यादव से मिलने के लिए दावेदारों का ताता लगा हुआ है। मिल्कीपुर से अवधेश प्रसाद के बेटे को टिकट मिलना लगभग तय माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक सपा से अंबेडकर नगर में लालजी वर्मा की बेटी या पत्नी को टिकट मिल सकता है। करहल से तेज प्रताप यादव,सीसामऊ से इरफान सोलंकी की पत्नी या उनकी मां और कुंदरकी से पूर्व विधायक हाजी रिजवान को सपा अपना उम्मीदवार बना सकती है। मीरापुर विधानसभा सीट जो सपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल को दे दी थी। वहां से सपा पूर्व सांसद कादिर राणा को मौका दे सकती है।फूलपुर विधानसभा सीट 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा केवल 2792 वोटों से हारी थी।सपा यहां किसी कुर्मी समाज से उम्मीदवार उतार सकती है।
आमतौर पर उपचुनाव से दूरी बनाने वाली बसपा ने लोकसभा चुनाव के फल स्वरुप रिक्त हुई प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारी तेज कर दी हैं। 2012 के बाद पहली बार बसपा उपचुनाव लड़ने जा रही है।बीते रविवार की बैठक में बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि बसपा गरीबों पीड़ितों की पार्टी है।सभी मेहनत करें और पार्टी के जन आधार को बढ़ाने में एकजुट रहे।बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने बताया कि बसपा ने फूलपुर से पासी चेहरे शिवबरन पासी और मझवा सीट से ब्राह्मण चेहरे दीपक तिवारी का नाम फाइनल कर दिया है।हालांकि उन्हें अभी प्रभारी बनाया गया है।
कांग्रेस भी विधानसभा उपचुनाव को लेकर तैयारी कर रही है, बैठकर कर रही है। कांग्रेस जल्दी ही वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंप सकती है।हालांकि सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस सपा से लगभग 5 सीटें मांग रही है और सपा कांग्रेस को दो सीट देना चाहती है।