प्रतापगढ़ में दिलचस्प होगा एमएलसी चुनाव जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” सपा प्रत्याशी विजय बहादुर यादव और भाजपा प्रत्याशी हरि प्रताप सिंह के बीच होगा कड़ा मुकाबला
एमएलसी चुनाव में बसपा और कांग्रेस ने नहीं उतारे अपने प्रत्याशी, कांग्रेस के कथित दिग्गज नेता प्रमोद कुमार पर भाजपा और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रत्याशी की निगाह, रामपुर खास विधानसभा के पंचायत प्रतिनिधियों पर अटकी, बसपा किसका करेंगी समर्थन…???
प्रतापगढ़। कई दशक से एमएलसी पद पर राजा भईया के अति करीबी अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” आसीन रहे। वर्ष-2004 में जब अक्षय प्रताप सिंह गोपाल जी प्रतापगढ़ से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद निर्वाचित हो गए तो राजा भईया ने एमएलसी पद पर आनन्द भूषण सिंह “बब्बू राजा” को निर्विरोध एमएलसी बनाया था। हालांकि कुछ ही दिनों में एमएलसी आनन्द भूषण सिंह “बब्बू राजा” और राजा भईया के बीच वैचारिक मतभेद हो गया। वर्ष-2010 में सूबे में माया सरकार थी और एमएलसी पद के लिए पूर्व सांसद सीएन सिंह को बसपा ने अपना उम्मीदवार बनाया और वह बहुत दमदारी से चुनाव लड़े, परन्तु चुनाव में उन्हें सफलता हासिल न हो सकी। सपा से अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” पुनः एमएलसी पद पर निर्वाचित हुए और वर्ष-2016 में सपा के सिम्बल से अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” निर्विरोध निर्वाचित हुए थे।
एमएलसी चुनाव-2022 के लिए आज नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो गयी। इस बार एमएलसी पद के लिए अक्षय प्रताप सिंह “गोपाल जी” जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से तो उनकी पत्नी मधुरिमा सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया। साथ ही जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय महासचिव डॉ के एन ओझा भी एमएलसी पद के लिए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया है। ये दोनों नामांकन निवर्तमान एमएलसी गोपाल जी को एक मामले में अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद 22 मार्च को आदेश सुनाये जाने के बाद सजा को देखते हुए यदि चुनाव लड़ने में बाधा उत्पन्न होती है तो उनकी पत्नी मधुरिमा सिंह अथवा डॉ के एन ओझा उम्मीदवार होंगे और उस दशा में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक उसे अपना समर्थन दे देगी। यदि नामांकन की तिथि 23 मार्च तक होती तो नामांकन की स्थिति अलग होती।
भाजपा नेता हरि प्रताप सिंह इस बार विधायकी का टिकट कटने के बाद वर्ष-2027 के विधानसभा चुनाव तक ओवरएज हो जायेंगे। ऐसे में उन्होंने अपने राजनैतिक जीवन का अंतिम दांव के रूप में एमएलसी पद पर चुनाव लड़ने का मन बनाया। पूर्व विधायक व पूर्व नपाध्यक्ष हरिप्रताप सिंह का राजा भईया और कांग्रेस के कथित दिग्गज नेता प्रमोद कुमार से बेहतर सम्बन्ध होने के नाते भाजपा से एमएलसी पद के लिए इसलिए उम्मीदवार होना चाहे, क्योंकि निवर्तमान एमएलसी गोपाल जी जब सजायाफ्ता हो जायेंगे तो उस दशा में वह सबसे उपर्युक्त प्रत्याशी होंगे जिन्हें राजा भईया और प्रमोद कुमार दोनों लोगों का सहयोग मिल जायेगा। शायद इसी विचार से भाजपा नेता हरि प्रताप सिंह सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी से मिले और राजा भईया से सहयोग दिलाने की याचना भी की। परन्तु हरि प्रताप सिंह यह भूल गए कि यह नगरपालिका परिषद् बेला प्रतापगढ़ का अध्यक्ष पद चुनाव नहीं है और न ही खाद्य एवं रसद विभाग का परिवहन व हैंडलिंग का ठेका है जो राजा भईया मैनेज कर लेंगे।
सच बात तो यह है कि राजा भईया को बारी-बारी से सभी लोंगों ने धोखा दिया। इसलिए एमएलसी चुनाव में आनन्द भूषण सिंह “बब्बू राजा” के निर्विरोध निर्वाचन के बाद उन्हें जोर का झटका धीरे से लगा था। उस घटना के बाद से राजा भईया भी राजनीतिक मामले में बहुत ही सोच विचार के बाद फैसला लेते हैं। दूध का जला छांछ को भी फूंक कर पीते हैं। इसलिए एमएलसी चुनाव में अब राजा भईया हरि प्रताप सिंह जैसे बहुरुपिया को अपना समर्थन नहीं दे सकते हैं। फिर भी पूर्व विधायक व पूर्व नपाध्यक्ष हरिप्रताप सिंह ने भाजपा से उम्मीदवार हुए और आज अपना नामांकन किया। उनके नामांकन में पूर्व कैबिनेट मंत्री मोती सिंह, पूर्व मंत्री शिवाकांत ओझा, भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र, भाजपा नेता शिव प्रकाश मिश्र “सेनानी” नामांकन के दौरान मौजूद रहे। एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह गोपाल जी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और समाजवादी पार्टी से विजय यादव पूर्व में ही नामांकन कर चुके हैं। आज 21 मार्च को नामांकन का आखिरी दिन था और 9 अप्रैल को मतदान होना है।