लोग अपनी और अपने साथ अन्य लोगों की जान के साथ करते हैं, खिलवाड़ और बड़ी वारदात घटित होने के बाद शासन-प्रशासन की खुलती हैं,आँख
गंगा जी पर फाफामऊ में पुल की रिपेयरिंग के कार्य हेतु जिला प्रशासन प्रयागराज पीपे के पुल से छोटी गाड़ियों के लिए आने-जाने की ब्यवस्था कर रखी है, परन्तु उस ब्यवस्था में स्वयं प्रशासन ही सबसे बड़ा अवरोधक बनकर लोगों के जीवन से कर रहा है,खिलवाड़…
प्रयागराज। वर्तमान में फाफामऊ पुल के रिपेयरिंग कार होने के कारण विकल्प के रूप में पीपे का पुल से आवागमन छोटी गाड़ियों का किया जा रहा है जो 5 टन से कम हो जाने के लिए शंकर घाट के सक्रिय रास्ते से होकर गाड़ियां पीपे के पुल से पार कर रही हैं और आने के लिए पीपे के पुल से होते हुए नारायणी आश्रम के रास्ते से वापस आ रहे हैं। सुबह-सुबह तहसील कर्मचारी, ब्लॉक कर्मचारी, स्वास्थ्य कर्मचारी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के छात्र परीक्षा के लिए जा रहे हैं। तहसील कर्मचारियों के अतिरिक्त सोरांव, मऊ आइमा, होलागढ़, श्रृंगवेरपुर ब्लाक के कर्मचारी भी पुल से होकर जा रहे हैं। वर्तमान में पीपे के पुल पर भीड़ होने के कारण ज्यादा लोड पड़ रहा है, परंतु हद तो तब हो जा रही है जब ट्रैफिक और पुलिस प्रशासन की मिली भगत से बस को भी पीपे के पुल से गुजारा जा रहा है। जबकि पीपे के पुल से छोटी गाड़ियों को ही आवागमन की इजाजत दी गई है। बड़ी गाड़ियों के आने से किसी भी समय बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ प्रयागराज के जिलाध्यक्ष राजकुमार सागर ने उक्त आरोप लगाते हुए एडीजी जोन प्रयागराज एवं एसएसपी प्रयागराज से प्रभावी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।