न्यायालय ने कानपुर हिंसा के मामले में जफर हयात हाशमी समेत चार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जेल
कानपुर। उत्तर प्रदेश के औद्योगिक नगरी कानपुर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़क गई थी। न्यायालय ने हिंसा के मामले में जफर हयात हाशमी और तीन आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। पुलिस ने हिंसा के मामले में अभी तक 29 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें हिंसा के मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी, जावेद अहमद खान, मोहम्मद राहिल और मोहम्मद सुफियान हैं। पुलिस के अनुसार हाशमी मौलाना अली जौहर फैंस एसोसिएशन का अध्यक्ष है और बाकी लोग भी इसी संगठन से जुड़े हुए हैं।पुलिस ने हिंसा और पथराव की घटना के एक दिन बाद शनिवार को 500 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया हैं। हिंसा में 40 लोग घायल हो गए थे।
पुलिस ने रविवार को कोर्ट बंद होने की वजह से चारों आरोपियों को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश करते हुए 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वहीं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम कोर्ट में हिंसा के सभी आरोपियों की रिमांड लेने की अपील करेंगे। लखनऊ पुलिस ने हिंसा का मुख्य आरोपी हयात जाफर हाशमी समेत छह लोगों को शनिवार को राजधानी के हजरतगंज इलाके से गिरफ्तार किया था। इनके पास से 6 मोबाइल फोन और कुछ दस्तावेज़ बरामद हुए हैं जिसकी जांच कराई जा रही है। ये सभी कानपुर हिंसा में मुकदमा दर्ज होने के बाद और गिरफ्तारी से बचने के लिए एक न्यूज़ चैनल के यूट्यूब ऑफिस में जाकर छिपे थे।
उत्तर प्रदेश की औद्योगिक जिला कानपुर में पीएम और राष्ट्रपति के आगमन के दिन सुनियोचित तरीके से जिस तरह हिंसा का माहौल बनाया गया, वह दुर्भाग्यपूर्ण रहा। कानपुर हिंसा मामले में पुलिस ने शनिवार को जफर हयात हाशमी समेत सभी 36 आरोपियों के नाम उजागर कर दिए थे। इसमें से 29 को गिरफ्तार किया जा चुका है। बाकी बचे हुए आरोपियों को गिरफतार करने के लिए पुलिस दबिश दे रही है। कानपुर हिंसा के बाद योगी सरकार बेहद सख्त हो गई है। इस मामले को हर तरीके से खंगाला जा रहा है। अब यूपी एटीएस के एडीजी नवीन अरोड़ा भी कानपुर पहुंच गए हैं। अब पुलिस के साथ एटीएस भी जांच में शामिल हो गई है। साफ है कि पुलिस और एटीएस मिलकर उपद्रवियों की कुंडली को खंगालेंगे। इस हिंसा के पीछे पीएफआई और आतंकी कनेक्शन की जांच पड़ताल होगी।