दलित महिला की शिकायत को थानाध्यक्ष कंधई ने गंभीरता से लिया और बिना देर किये बड़ी तत्परता दिखाते हुए मौके पर जाकर मामले को निपटाया, जिससे बड़ी घटना से मिली निजात
प्रतापगढ़। योगीराज में भी अपराधियों और बदमाशों के मन में कानून के प्रति कोई भय नहीं है। कंधई थाना क्षेत्र के इटवा गाँव में दलित बस्ती में इन्द्रावती हरिजन पत्नी विजय कुमार हरिजन को उसके दबंग पड़ोसियों ने कल सुबह 10बजे घेर कर उस समय मारना शुरू किया जब वह अपनी पुश्तैनी आबादी में उन बदमाश और सरहंग पड़ोसियों को जबरन टीन सेड लगाने से मना करने लगी थी। इन्द्रावती हरिजन अपने नाना की गद्दी पर अपने पति और बच्चों के साथ रहती है और अत्यंत गरीब महिला है। किसी महिला की आबादी की भूमि में इस तरह जबरन कब्जा करना कानून के प्रति लेशमात्र का खौफ न होना साबित करता है, परन्तु घटना की गंभीरता को थानाध्यक्ष ने संज्ञान में लेते हुए स्वयं मौके पर जाकर असलियत खंगाला और दबंग पड़ोसियों को कड़े लहजे में हिदायत दिया कि टूटी हुई दीवाल को पुनः बनवाए, अन्यथा जेल जाने के लिए तैयार रहे। थानाध्यक्ष कंधई त्रिलोकी नाथ पाण्डेय के पहुँचने से पहले ही आरोपीगण घर छोड़कर फरार हो गए थे। आरोपीगण के घर की महिलाओं को थानाध्यक्ष ने जमकर फटकार लगाई।
इन्द्रावती हरिजन पत्नी विजय कुमार हरिजन निवासी ग्राम- इटवा थाना- कंधई, परगना व तहसील- पट्टी, जनपद- प्रतापगढ़ की है। वह अपने नाना नन्हकू पुत्र धनीराम के जीवन काल से ही उनके साथ रहती थी, जिससे वह खुशा होकर अपने जीवन काल में रजिस्टर्ड वसीयत उसके पक्ष में कर दिया था जो उनकी मृत्यु के उपरांत प्रार्थिनी के नाम सरकारी अभिलेखों में दर्ज हो चुका है। अपने ननिहाल में अपने नाना जी के आबादी वाली सम्पत्ति पर काबिज दखील होकर सपरिवार रह रही है। कल दिनांक – 02/07/2022 समय लगभग 10 से 11 के बीच में उसकी आबादी की जमीन पर सरहंगई और दबंगई के बल पर उसके पड़ोसी संतलाल पुत्र राम गरीब, और उनके दबंग लड़कों प्रेम चन्द्र, दीपक, बहादुर द्वारा टीना रखकर जबरन कब्जा करने लगे। उसके मना करने पर उक्त चारों लोग लाठी, डंडा, फावड़ा व गहदाला लेकर उसको घेर लिया और गिराकर मारने लगे तो उसने गुहार लगाई तो उसकी बहन नीलम व शीला पुत्री राम अभिलाष एवं उसका विजय कुमार उसे छुड़ाने पहुंचे तो नीलम व शीला और विजय को भी उन बेखौफ दबंगों ने जमकर मारा पीटा।
हल्ला गुहार सुनकर जब और लोग मौके पर पहुंचे तो जाकर उसकी व उसकी बहन नीलम व शीला एवं पति विजय कुमार की जान बची। प्रेम चन्द्र, दीपक, बहादुर और उनके पिता संतलाल ने पीड़िता और उसके परिजनों को भद्दी-भद्दी गालियाँ देते हुए सामूहिक नरसंहार कर देने की धमकी देते हुए अपने घर चले गए। घटना की सूचना पर आपातकालीन सेवा UP-112 मौके पर पहुँची थी और कंधई थाने से भी पुलिस आई थी, जिसके बाद दोनों पक्ष को थाने ले गई और मुख्य आरोपी को छोड़ दिया, जिसका फायदा उठाते हुए प्रेमचंद ने इन्द्रावती हरिजन की 25 साल पुरानी बाउंड्रीवाल को गिरा दिया, जिसका वीडियो बतौर साक्ष्य उसके पास मौजूद है। दोनों पक्ष का 151 शांतिभंग के तहत चालान कर दिया गया, जबकि इन्द्रावती हरिजन और उसकी बहनों को काफी चोट लगी है। पीड़िता ने थानाध्यक्ष महोदय से मुकदमा लिखे जाने की परियाद की है। क्योंकि पुलिस के कहने पर वह थाने चली गई और थाने से जब वह घर पहुँची तो पता चला कि प्रेम चन्द्र और उसकी पत्नी निशा व उनके घरवाले उसकी 25 साल पुरानी बाउंड्रीवाल को गिरा दिया। पीड़िता को दोहरी मार पड़ी। एक तो उसे व उसके घरवालों को मारा पीटा गया और थाने ले जाकर योजनाबद्ध तरीके से उसकी 25 साल पुरानी बाउंड्रीवाल को गिरा दिया गया।