प्रतापगढ़ में नए सीएमओ डॉ गिरेन्द्र मोहन शुक्ला ने ग्रहण किया अपना पद भार
फिल्म शोले में गब्बर की तरह डॉयलाग बोलने वाले बड़बोले सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव की निकल गई हेकड़ी…
चार से प्रतापगढ़ में सीएमओ पद पर फेबिकोल डालकर कुर्सी पर अपनी गहरी पकड़ बनाने वाले सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव सार्वजनिक रूप से कहने लगे थे कि जब तक वो चाहेंगे तब तक सीएमओ के पद पर बने रहेंगे। परन्तु उनका यह घमंड तवादला नीति में धड़ाम हो गया और उन्हें प्रतापगढ़ के सीएमओ पद से हटना पड़ा। आज सुबह सीएमओ प्रतापगढ़ की सरकारी गाड़ी बिना सीएमओ के खड़ी थी, पता करने पर बताया गया कि नए सीएमओ साहेब को लेने गए थे। आज वह अपना पद भार ग्रहण कर लेंगे। पुराने सीएमओ साहेब अपनी सास की तेरहवीं में गये हुए हैं। बड़ी लम्बी जद्दोजहद के बाद महाभ्रष्ट सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव का तवादला हुआ, उनके स्थान पर प्रतापगढ़ में नए सीएमओ डॉ गिरेन्द्र मोहन शुक्ला ने अपना पद भार ग्रहण कर लिया है।
स्वास्थ्य महकमें में जमकर विरादरीवाद का मकड़जाल है। स्वयं अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद जी सीएमओ प्रतापगढ़ के रक्षक बने हुए थे। विरादरी वाद का वीजारोपण पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने किया। देश के प्रधानमंत्री रहे स्व. लाल बहादुर शास्त्री जी के लड़की के लड़के हैं, सिद्धार्थ नाथ सिंह जो कायस्थ विरादरी से हैं। प्रतापगढ़ के इतिहास में CMO के रूप में डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव जैसा भ्रष्ट CMO देखने को नहीं मिला। मेरा तो आंकलन है कि पूरे स्वास्थ्य विभाग में नहीं है। इतना बड़ा सेटिंगबाज अफसर कम होते हैं। अपनी इसी काबिलियत के दम पर प्रतापगढ़ के सीएमओ के पद पर डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव लगभग चार साल तक बने रहे और बजट पर डाका डालते रहे। सूत्र बताते हैं कि सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव चिकित्सकों और एएनएम के ट्रांसफर व पोस्टिंग में कई लाख रूपये का वारा न्यारा करते गए। यक्ष प्रश्न है कि इमानदारी का ढिढोरा पीटने वाली योगी सरकार में ऐसे भ्रष्टतम सीएमओ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव के काले कारनामों की निष्पक्ष जाँच कर उनकी आय से अधिक संपत्तियों की जाँच होगी अथवा भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए उसे माफ कर दिया जाता है।
जिलाधिकारी प्रतापगढ़ डॉ नितिन बंसल की आईएएस पत्नी माला श्रीवास्तव ने विधानसभा चुनाव के समय तीन साल से जमे अधिकारियों को हटाने का निर्देश केंद्रीय चुनाव आयोग ने दिया था, परन्तु कोरोना काल में CMO प्रतापगढ़ का थोड़ा सा एहसान उन्हें बचा ले गया था। चूंकि चुनाव के सभी शिकायतों को कूड़ेदान में डालने का कार्य अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश के पद पर रहते हुए मदद की थी।फिलहाल प्रतापगढ़ से विगत 4 वर्षों में CMO के पद पर रहते हुए डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव लगभग 70 करोड़ की अवैध कमाई किये हैं। सचरित्रवान पार्टी भाजपा के राज्य में सूबे की योगी सरकार में स्वास्थ्य विभाग में लूट खसोट और योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव डकैती डालते रहे और जिले से लेकर शासन स्तर तक उसका हिस्सा पहुंचाते रहे। विधायक, सांसद, मंत्री और जिलाध्यक्ष भाजपा का अप्रत्यक्ष मदद यह साबित करता है कि सीएमओ प्रतापगढ़ के भ्रष्टाचार में सबलोग एक दूसरे के पूरक रहे।
सत्तापक्ष के नेता भी चीखते चिल्लाते रहे, परन्तु योगी सरकार की ईमानदार छवि को सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव दागदार करते रहे। तवादला नीति में सीएमओ प्रतापगढ़ की दाल इस बार नहीं गली। क्योंकि अभी हाल ही में प्रतापगढ़ पधारे उप मुख्यमंत्री/स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के सामने भाजपा के कार्यकर्ताओं ने सीएमओ मुर्दाबाद के नारे लगाए। महाभ्रष्ट होने का आरोप लगाया और ज्ञापन तक सौंपा था। बहुत बदनामी हुई थी। स्वास्थ्य मंत्री को सार्वजनिक रूप से कहना पड़ा था कि सुधर जाओ, वर्ना हम सुधार देंगे। मजबूर होकर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को अपना कार्यक्रम महज 5मिनट में समाप्त कर अपनी इज्जत बचाकर भागना पड़ा था। उसी दिन तय हो गया था कि अब महाभ्रष्ट सीएमओ डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव की विदाई तय है। सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव की पत्नी डीआईजी कारागार पद से तीन साल पहले ही रिटायर्ड हुई और वह गोरखपुर में भी डीआईजी जेल के पद पर तैनात रही।
सूत्र बताते हैं कि उस दौरान उनके सम्बन्ध योगी आदित्यनाथ जी से बेहतर थे। प्रतापगढ़ में सीएमओ के पद पर इतनी लंबी पारी खेलने में सबसे मददगार उनकी पत्नी रही। इस तरह लंबे संघर्ष के बाद प्रतापगढ़ के बेईमान और लूट खसोट की पीएचडी करने वाले सीएमओ की विदाई हो गई और उनके स्थान पर प्रतापगढ़ में नए सीएमओ डॉ गिरेन्द्र मोहन शुक्ला को कमान दी गई है। सीएमओ प्रतापगढ़ के पद पर रहते हुए डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव जिस तरह लूट खसोट और सरकारी बजट पर डकैती डालते रहे, उसे देखकर लगता है कि समूचा सिस्टम सड़ चुका है। भ्रष्टाचार के आकंठ में सब के सब डूबे हुए हैं। नीचे से ऊपर तक सबके हिस्से बंधे हुए हैं। शायद इसीलिये कहते हैं कि बेईमानी का धंधा बहुत ही ईमानदारी से सम्पन्न होता है। सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव अपने इसी फार्मूले से चार साल तक बड़े ही इतिमिनान से मलाई खाते रहे और जिले से लेकर शासन तक मलाई खिलाते रहे। सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव इतना निकृष्ट अधिकारी है जो अपनी जन्मतिथि यानि उम्र में खेल कर आज भी नौकरी कर रहा है, जबकि असल में उनकी उम्र रिटायरमेंट की हो चुकी है और उनकी पत्नी तीन साल पहले कारागार डीआईजी पद से रिटायर हुई हैं।