समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से ओम प्रकाश राजभर के तलाक के बाद आजम के जरिए सपा में होगी केशव देव मौर्य की एंट्री
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बदलते हुए राजनीतिक घटनाक्रम के बीच समाजवादी पार्टी ने अपने दो सहयोगियों ओपी राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और शिवपाल सिंह यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के लिए अपना दरवाजा बंद कर लिया है। इस बीच कुछ दिनों पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से नाराज होकर गठबंधन तोड़ने वाले केशव देव मौर्य के नेतृत्व वाली गठबंधन सहयोगी महान दल अब सपा के पाले में वापस लौटने को बेताब लग रही है। इसके संकेत उस समय मिले थे जब केशव देव मौर्य ने सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान से मुलाकात की थी। ये घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ जब सपा और सुभासपा के बीच गठबंधन टूट गया था। दरअसल साल-2008 में गठित महान दल उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा चुनावों में सपा के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा था, लेकिन पिछले महीने केशव देव मौर्य ने अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले सपा के साथ विधान परिषद में नहीं भेजने के बाद गठबंधन से अलग होने की घोषणा की थी। केशव देव मौर्य ने शुक्रवार को रामपुर में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान से मुलाकात की थी और भविष्य और अतीत पर चर्चा करने के बाद इस विवाद को खत्म करने का संकेत दिए थे।
दोनों नेताओं के बीच लंबी मुलाकात हुई जिसके बाद केशव देव मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव राज्य में पिछड़े, दलितों और अल्पसंख्यकों के लिए लड़ने वाले एकमात्र नेता हैं। सियासी पंडितों की माने तो महान दल की उपस्थिति पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में अधिकांश पिछड़ी जातियों जैसे शाक्य, सैनी, मौर्य और कुशवाहा समुदाय में है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह एसपी के साथ नए सिरे से शुरुआत करने के लिए तैयार हैं तो मौर्य ने जवाब दिया कि, “हां, मुझे इससे कोई समस्या नहीं है। दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों के लिए सपा के अलावा कोई और पार्टी नहीं लड़ रही है। और मेरी राजनीति भी उन्हीं सिद्धांतों के इर्द-गिर्द घूमती है। दरअसल स्वामी प्रसाद मौर्य योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री थे। 2022 विधानसभा चुनाव से पहले ही सपा में चले गए थे। महान दल को विधानसभा चुनाव में सपा ने दो टिकट दिए थे। केशव देव मौर्य के बेटे चंद्र प्रकाश ने बदायूं जिले के बिलसी से और पत्नी सुमन शाक्य ने फर्रुखाबाद से चुनाव लड़ा था। हालांकि, दोनों सीटों पर महान दल हार गया। विधानसभा चुनावों में सपा के सत्तारूढ़ भाजपा को हराने में विफल रहने के बाद छह दलों का गठबंधन बिखरने लगा है।