बाप एक नंबरी तो बेटा दस नंबरी:बेटा आतंकी तो बाप हिस्ट्रीशीटर, एटीएस ने उठाया तो बहन बोली, दाढ़ी की वजह से अहमद को पकड़ा
मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) द्वारा उठाये गए आतंकी अहमद रजा उर्फ शाहरुख उर्फ मोइनुद्दीन के घर का रिकार्ड भी ठीक नहीं है। बेटा आतंकी है तो बाप इलाके का हिस्ट्रीशीटर है। अहमद रजा के पिता के खिलाफ लगभग 16 मुकदमे दर्ज हैं। बुढ़ापे में आकर बाप कुछ सुधरा तो बेटा आतंकी बन गया। मुरादाबाद के मूढ़ा थाना क्षेत्र के पांडे के ग्राम मिलक गुलड़िया के रहने वाला आतंकी अहमद रजा के घर पर उसकी मां और एक छोटी बहन ही हैं।अहमद रजा तीन भाइयों में दूसरे नम्बर का बेटा है। बड़ा भाई रामपुर में डॉक्टर है जबकि छोटा भाई पढ़ाई कर रहा है। पिता अब खेती किसानी करता है।
अहमद रजा की मां ने कहा कि हम उसे बेदखल कर चुके हैं। हमारा उससे कोई मतलब नहीं है। अहमद 13 साल की उम्र से ही घर से निकल गया था। उसने मदरसे में पढ़ाई की है। पास के संभल जिले में अमरोहा के उमरी के साथ-साथ अनेकों जगह रहा। सब जगह मदरसों में पढ़ा और उसने वहां पढ़ाया भी। इसके अलावा वो क्या करता था हमें बिल्कुल नहीं मालूम। कभी-कभी घर आता था। किसी से नहीं बोलता था। गांव के छोटे लड़कों के साथ उसका उठना बैठना था, लेकिन कभी उनको भी कुछ नहीं बताया। मां ने बताया कि अहमद घर से नहीं पकड़ा गया, उन्हें तो ये पता है कि उसे अड्डे से पकड़ा है।
अहमद रजा की मां ने कहा कि जो लोग घर आये थे उन्होंने तो आते ही बस यही पूछा कि अहमद कौन से कमरे में रहता था, बताते ही उस कमरे में घुसे और तलाशी लेकर उस कमरे में रखे सामान में से कुछ ले गए, जबकि अहमद का कोई सामान नहीं था। हमारे मोबाइल फोन भी ले गए। जब उसकी मां से पूछा गया कि अहमद के पिता हिस्ट्रीशीटर हैं। इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है वो सब पुराने मुकदमें हैं।
घर पर मौजूद अहमद रजा की बड़ी बहन ने कहा कि ये सब दाढ़ी की वजह से किया जा रहा है। अभी उसकी उम्र 21-22 साल है। उनका भाई खेती किसानी करता है और खाली समय में बच्चों को पढ़ाता है। ये सब आरोप गलत हैं। गांव के कुछ लोगों ने कैमरे से परहेज करते हुए बताया कि अहमद बहुत होनरदार है। बिना प्लास्टर की दीवारों पर बिना सीढ़ी के चढ़ना जानता है। मकानों की एक मंजिल से ऐसे ही कूद जाता है। जब कभी गांव में आता है तो ये करतब दिखाता था,लेकिन वो कहां रह रहा है, क्या कर रहा है, ये किसी को नहीं मालूम।