निलंबित दरोगा परशुराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज
दस हजार रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में निलंबित चल रहे दरोगा परशुराम के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। यह कार्रवाई न्यायालय के आदेश पर की गई है। फिलहाल पुलिस मामले की विवेचना कर रही है। यह मामला अमरोहा नगर कोतवाली से संबंधित है। मोहल्ला त्रिपोलिया के निवासी मुजीबुर्रहमान, उनके भाई मोहम्मद अजीम व मोहम्मद समी के खिलाफ आठ महीने पहले मुकदमा दर्ज हुआ था। आरोपियों ने इस मामले में हाईकोर्ट का रुख किया था, जहां मुकदमे पर स्टे लगा दिया गया था। हाईकोर्ट ने विवेचक को सात दिन के भीतर काउंटर एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश दिया था, जिसे नगर कोतवाली की वासुदेव चौकी के प्रभारी परशुराम को दाखिल करना था।
आरोप है कि 19 मार्च 2025 को दरोगा परशुराम ने मुजीबुर्रहमान को चौकी पर बुलाकर प्रयागराज जाने, सीए दाखिल करने और उससे जुड़े खर्च के बदले दस हजार रुपये रिश्वत के रूप में मांगे थे। मुजीबुर्रहमान ने इस बात का वीडियो बना लिया था, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। मामला संज्ञान में आने के बाद एसपी अमित कुमार आनंद ने वासुदेव चौकी इंचार्ज परशुराम को निलंबित कर दिया था।
आरोप है कि निलंबित दरोगा परशुराम मुजीबुर्रहमान के घर भी गए और शिकायत वापस न लेने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी थी। पीड़ित ने कोतवाली में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद वे न्यायालय पहुंचे। सीओ सिटी अरुण कुमार ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर निलंबित दरोगा परशुराम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।