मुर्दे ने डीएम से मांगी पेंशन, सच जानकर डीएम रह गए दंग, दो अधिकारियों को कर दिया निलंबित, जानें पूरी कहानी
अंबेडकरनगर। कागजों में जिंदा होना सच में जिंदा होने से शायद ज्यादा जरूरी है,क्योंकि किसी भी तरह की परीक्षा, इलाज,योजनाओं का फायदा और हर छोटी बड़ी जरूरत में कागजों में जिंदा रहना हर कदम पर आपके जिंदा होने का प्रमाण होता है,लेकिन किसी शख्स का जिंदा होने के बाद उसे कागजों में मार दिया जाए तो सोचिए ये उसके लिए कितनी मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
ऐसा एक मामला उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले में सामने आया है। फाइलों में एक बुजुर्ग महिला को मृत घोषित कर दिया गया। बुजुर्ग महिला अब खुद के जिंदा होने का सबूत पेश करने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही थी। बुजुर्ग विधवा महिला जिलाधिकारी अविनाश सिंह के दफ्तर में पहुंच गई और खुद को जिंदा साबित करने की कोशिश कर रही है।अधिकारियों के मनमानी की शिकार बुजुर्ग विधवा महिला ने डीएम को अपनी मुश्किलें बताईं।महिला को कागजों में मरने सूचना मिलने पर डीएम भी हैरान रह गए और फौरन कार्रवाई का निर्देश दे दिया।
डीएम के निर्देश पर महिला के वृद्धावस्था पेंशन की बहाली के लिए पत्र भी भेज दिया गया है। बुजुर्ग महिला को मृतक घोषित करने वाले अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की गई है।दो अधिकारियों के खिलाफ निलंबन का पत्र भेज दिया गया है।इस तरह की लापरवाही फिर से न हो इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए।
गुरुवार को जब डीएम अविनाश सिंह जनता दर्शन में बैठे थे, तभी एक बुजुर्ग विधवा महिला केवला देवी जनता दर्शन में पहुंच गईं।कटेहरी के पतौना गांव की रहने वाली केवला देवी के पति जोखूराम की कुछ साल पहले मौत हो गई थी।बुजुर्ग केवला देवी ने वृद्धावस्था पेंशन के लिए अप्लाई किया तो उसे कागजों पर मृतक घोषित कर दिया गया था।इसी सिलसिले में केवला देवी डीएम से शिकायत की और बताया कि उसे कागजों में मार दिया गया है।
फाइलों में केवला देवी को मृतक घोषित कर उसका पेंशन भी बंद कर दिया गया।एक साल से ज्यादा समय से केवला देवी खुद को जिंदा साबित करने की कोशिश कर रही हैं।केवला देवी ने जब डीएम से शिकायत किया तो डीएम अविनाश सिंह ने तत्काल इस पर कार्रवाई का निर्णय लिया और जिला समाज कल्याण अधिकारी को जांच अधिकारी नामित करते हुए इस मामले की तुरंत जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है।
समाज कल्याण अधिकारी ने चंद समय में ही अपनी रिपोर्ट डीएम को भेज दिया।जांच रिपोर्ट के मुताबिक 2022-23 में तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी ने अपने स्त्यापन रिपोर्ट में केवला देवी को मृतक घोषित कर दिया था,जिससे केवला देवी की पेंशन बंद हो गई थी।डीएम के निर्देश पर वृद्धावस्था पेंशन पुनः बहाल करने के लिए समाज कल्याण उत्तर प्रदेश को पत्र भेजा गया।
सत्यापन रिपोर्ट में लापरवाही और जिंदा महिला को मृतक घोषित करने वाले तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी सरिता शुक्ला के खिलाफ तत्काल निलंबन की कार्रवाई करने और सहायक विकास अधिकारी के निलंबन के लिए पत्र का निर्देश डीएम ने दिया है।
डीएम अविनाश कुमार सिंह ने कहा कि इस तरह की लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी।ग्राम पंचायत अधिकारी और सहायक विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। डीएम ने कहा कि शासन की योजनाओं का लाभ सबको मिले ये हमारी प्राथमिकता है।