महाकुंभ जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े देश-विदेश के श्रद्धालु
प्रतापगढ़। महाकुंभ में हादसे के बाद वाहनों को प्रयागराज की सीमा पर ही रोक दिया गया। बावजूद इसके बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े। हालांकि उन्हें अव्यवस्था का भी सामना करना पड़ा।
थाईलैंड में रहने वाली नीतू अपनी मौसी राधा के साथ हवाई जहाज से लखनऊ पहुंची। महाकुंभ में गंगा स्नान के लिए लखनऊ से ट्रैवेलर बुक किया। हादसे की खबर ट्रैवेलर को चिलबिला में रोक लिया गया। वहां से ई-रिक्शा बुक कर दोनों मऊआईमा पहुंची। मऊआईमा में एक कार चालक ने सोरांव तक पहुंचाने के लिए 300 रुपये लिए। कार चालक ने विश्वनाथगंज को सोरांव बताकर उतार दिया। पूछने पर पता चला कि सोरांव पीछे छूट गया। इसके बाद दोनों पैदल ही महाकुंभ के लिए निकल पड़ीं।
इसी तरह नैनीताल के रंजीत,गोंडा के प्रेमचंद तिवारी,जम्मू के नरेश प्रताप सिंह,गजियाबाद के दीपक राघव,नेपाल के शिव नरेश शर्मा, बहराइच के अरूण शुक्ल अपने साथियों के साथ प्रयागराज-अयोध्या हाईवे से महाकुंभ पहुंचने के लिए पैदल ही चल पड़े। भरतकुंड-अयोध्या के रामदास, रूद्रप्रयाग के महंत गिरि, गोंडा के विकास कुमार, अमेठी संजीत यादव, झारखंड के दिलीप सहित अन्य श्रद्धालु पैदल प्रयागराज जाते नजर आए। वहीं कुछ लोग श्रद्धालुओं को झांसा देकर प्रयागराज के लिए बाइक से बैठाकर रामफल इनारी पर ही छोड़ दिया। ऑटो चालकों ने भी प्रयागराज पहुंचाने के नाम पर स्नानार्थियों को झांसा दिया।