पूर्व जिलाधिकारी प्रतापगढ़ प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव के तवादले के बाद नए जिलाधिकारी संजीव रंजन के कार्यभार ग्रहण के बाद भी शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए चौराहों पर चल रही हैं, पंचायते
पूर्व की तरह शस्त्र लाइसेंस के शौकीन लोंगों ने 5 से 10 लाख रूपये तक खर्च कर लाइसेंस लेने की जुगत में दिन रात हैं, परेशान…
प्रतापगढ़। हर बार की तरह इस बार भी प्रतापगढ़ में असलहे के लाइसेंस बनवाने वाले दलालों की चांदी है। सीएम की वीसी में फिसड्डी निकले पूर्व जिलाधिकारी प्रतापगढ़ प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव के अचानक तवादले के बाद असलहे के शौकीन लोंगों ने शस्त्र लाइसेंस बनवाने में जिन्हें महारथ हासिल हैं, उनसे सम्पर्क करना शुरू किये कि यदि जिलाधिकारी महोदय बैक डेट में शस्त्र लाइसेंस करते हों तो उनका भी लाइसेंस करा दिया जाये। जितने धन की डिमांड होगी वह दे दिया जायेगा। पूर्व की तरह शस्त्र लाइसेंस के शौकीन लोंगों ने 5 से 10 लाख रूपये तक खर्च कर लाइसेंस लेने की जुगत में दिन रात परेशान हैं। प्रतापगढ़ के नये जिलाधिकारी संजीव रंजन जी को शस्त्र लाइसेंस प्रकरण का संज्ञान लेना चाहिए और प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए।
नये जिलाधिकारी प्रतापगढ़ संजीव रंजन जी अपना कार्यभार ग्रहण कर लिए और काम भी करने लगे, परन्तु शस्त्र लाइसेंस के लिए ट्रेजरी चौराहा, अम्बेडकर चौराहा सहित शहर के अन्य चाय पान की दुकानों पर असलहे के लाइसेंस हेतु आज भी पंचायत होती देखी व सुनी जा सकती है। चर्चा पर यकीन करें तो इस बार एक रायफल और पिस्टल/रिवाल्वर शस्त्र लाइसेंस के लिए 5 से 10 लाख रूपये तक दिए हैं और उन्हें अभी भी यकीन है कि उन्हें देर सबेर शस्त्र लाइसेंस की किताब मिल जाएगी। अब उन्हें शस्त्र लाइसेंस की किताब मिलती है कि नहीं, यह कह पाना मुश्किल है। बड़ा सवाल है कि जो धन शस्त्र लाइसेंस के लिए दिया गया है, वह वापस मिल सकेगा अथवा डूब जायेगा या नया आश्वसन मिलेगा कि जल्द ही उनका शस्त्र लाइसेंस बनवा दिया जायेगा।
ऐसे में नये जिलाधिकारी महोदय को सचेत रहने की आवश्यकता है और एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जनता को बता देना चाहिए कि पूर्व जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव सिर्फ कितने शस्त्र लाइसेंस करके गए हैं। ताकि शस्त्र लाइसेंस के शौकीन लोग अपना धन दलालों से वापस ले सके। शस्त्र लाइसेंस को बैक डेट में प्राप्त करने की इच्छा पर विराम लग सके। चूंकि लोकसभा चुनाव की अधिसूचना से पहले शस्त्र लाइसेंस के शौकीन लोंगों को पूरा यकीन था कि इस बार उनका शस्त्र अवश्य बन जायेगा। फ़िलहाल तत्कालीन जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव ने एक दर्जन असलहे का लाइसेंस जारी किया है, जिसमें अधिवक्ता और स्टाफ के लोग शामिल हैं। पूर्व के जिलाधिकारियों की बात करें तो शंभू कुमार के बहराइच जाने के बाद लगभग 500 शस्त्र लाइसेंस हुए थे और असलहे का लाइसेंस की दलाली करने वाले खूब मलाई काटी थी।