तेज तर्रार आजमगढ़ के SSP अनुराग आर्य ने सिपाही की पत्नी से छेड़खानी करने वाले तीन सिपाहियों को किया सस्पेंड
आजमगढ़। कानून के रखवाले जब अपने साथी सिपाही की पत्नी को ही अपनी हबस का शिकार बनाने से बाज न आये तो कानून ब्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह उठना स्वाभाविक है। ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में देखने को आया है। प्रकरण की जानकारी जैसे ही आजमगढ़ के SSP अनुराग आर्य को हुई तो उन्होंने आदतन बिना देर किये सिपाही की पत्नी से छेड़खानी करने वाले और अनुशासनहीनता के आरोप में तीन सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया। इनमें एक सिपाही विजेन्द्र सिंह पर सिपाही की पत्नी के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है, जबकि सिपाही दिवाकर सिंह पर मारपीट करने का आरोप लगा है। तीसरा सिपाही पर आरोप है कि वह इन दोनों सिपाहियों का सहयोग किया था। इसलिए आजमगढ़ के एसएसपी अनुराग आर्य ने तीनों को सस्पेंड कर दिया।
एक पुरुष सिपाही अपने ही साथी सिपाही की पत्नी से छेड़छाड़ की घटना को जब अंजाम देता है तो वह भूल जाता है कि यदि वह महिला कहीं उक्त घटना की शिकायत हाकिम से कर दिया तो छेड़खानी करने वाले सिपाही की हजामत होना तय रहता है, वशर्ते पीड़ित महिला को इसके लिए हिम्मत करके आना होगा। सिपाही मनीष मिश्र को इन लोगों का साथ देने के आरोप में निलंबित किया गया है। सिपाही की पत्नी से छेड़खानी की शिकायत देर रात जिले के एसपी अनुराग आर्य को मिली थी। शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच कराई गई और जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई है। जिले के SSP अनुराग आर्य ने सिपाही विजेन्द्र सिंह और सिपाही दिवाकर सिंह पर जिले के कोतवाली में मुकदमा दर्ज होने की पुष्टि करते हुए कहा कि इन तीनों सिपाहियों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।
10 जुलाई, 2022 रविवार को देर रात डायल UP-112 में तैनात सिपाही की पत्नी रात्रि में पुलिस लाईन परिसर में टहल रही थी। उसी समय एसपी सिटी के गनर विजेन्द्र सिंह जो कि स्थानान्तरण पर आया था, द्वारा सिपाही की पत्नी से छेड़खानी की गई। सिपाही की पत्नी ने अपने बगल के पड़ोसी को फोन कर बुलाया। पीड़िता ने मामले की शिकायत जिले के SSP अनुराग आर्य से की, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। गनर विजेन्द्र सिंह पर आरोप है कि उसने जमकर शराब भी पी रखी थी। पुलिस महकमें में सिपाही की पत्नी के साथ छेड़छाड़ की बात तो छोड़िये पुलिस महकमें में महिला सिपाहियों का भी शोषण लगातार महकमें के सिपाही और अधिकारी ही करते हैं। कई महिला सिपाही तो अपने शोषण की शिकायत हाकिम से नहीं कर पाती और घुट घुटकर जीने के लिए मजबूर होती है। पहले थाने और दफ्तरों में महिला सिपाहियों की तैनाती की जाती थी, परन्तु आपाकालीन सेवा UP-112 में तैनात महिला सिपाहियों की स्थिति बद से बद्तर है। रात्रि कालीन ड्यूटी करने वाली महिला सिपाहियों के साथ शोषण की घटनाएं अक्सर देखने व सुनने को मिल जाती है। समय रहते इस पर नियंत्रण करना होगा।