अवैध निर्माण ढहाने पर हाई कोर्ट ने स्वीकार की याचिका, जल्द होगी सुनवाई
गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर-1 में अवैध रूप से बनाए गए फ्लैटों को गिराने के मामले में सोमवार को अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों का पक्ष सुने जाने की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपील स्वीकार कर ली है। याचिकाकर्ता अब सुनवाई की तारीख का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, दोपहर बाद आवास विकास कार्यालय भी सब पहुंचे और कंपाउंडिंग के लिए अपनी अर्जी दी है। अपार्टमेंट निवासी बृजेश सिंह ने सर्कल ऑफिस में बताया कि उन लोगों को तो बिल्डर से लेकर बैंक और आवास विकास सभी ने ठगा है। बिल्डर ने अवैध निर्माण कर दिया और वह बेचने भी लगा।
आवास विकास को इसकी भनक तक न लगी, यह यकीन नहीं हो रहा है। अब इतने सालों के बाद न्यायालय के आदेश पर कार्रवाई की बात हुई तब जाकर आवास विकास को यह इमारत अवैध दिखी है। इस मामले में सर्कल ऑफिस के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर राकेश चंद्रा का कहना है आवंटियों को बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करानी चाहिए, क्योंकि उनके साथ ठगी हुई है। इधर आवास विकास अपनी कार्रवाई में लगा हुआ है। बिल्डर के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। बिल्डिंग खाली करने की तैयारी पर अफसर चुप आवास विकास ने नोटिस तो जारी किया पर इमारत ढहाएंगे कैसे इसे लेकर सवाल बना हुआ है। अभी किसी भी फ्लैट से लोग नहीं गए हैं।
कुछ किराएदार जरूर हैं जो दूसरा मकान तलाशने की बात कह रहे हैं लेकिन ये भी इतनी जल्दी हो पाएगा। विभागीय अधिकारी इमारत को किस तरह ढहाएंगे और इसके लिए उनकी क्या तैयारी है, वे इस पर कुछ भी कहने से बचे। एग्जिक्युटिव इंजीनियर संजीव शुक्ला का कहना है कि इमारत ढहाने की कार्रवाई की योजना तैयार की जाएगी। वहीं, एसई राकेश चंद्रा का कहना है कि पहले मकान खाली होगा तभी कुछ संभव है, प्रक्रिया चल रही है। इमारत ढहाने के लिए जिला प्रशासन से चर्चा की जाएगी और उनसे सहयोग लिया जाएगा हालांकि अभी तक आवास विकास की ओर से इस संबंध में जिला प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी गई है। न ही पुलिस प्रशासन से मदद मांगी गई है।