अपनों ने ही रुपयों के लालच में उतारा था मौत के घाट,सुरेंद्र की जिंदा जलाकर की थी हत्या, सगा भाई और चाचा निकले हत्यारोपी
गोरखपुर जिले में चौरीचौरा इलाके के देवीपुर गांव में दिव्यांग सुरेंद्र यादव को 27 लाख रुपये के लालच में जिंदा जलाकर मार डाला गया था। आरोपियों ने इस मामले में गांव के प्रधान को फंसाने की साजिश भी रची थी। हत्या में शामिल सुरेंद्र के सगे भाई योगेंद्र, चाचा रामजीत, चचेरे भाई पन्नेलाल व महेंद्र को पुलिस ने बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया। पुलिस ने सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। उधर, सीसीटीवी कैमरे की वजह से बेगुनाह साबित हुए ग्राम प्रधान प्रतिनिधि लालबचन यादव व उनके परिवार ने पुलिस को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
एसपी नार्थ मनोज अवस्थी व एएसपी मानुष पारिख ने पुलिस लाइंस में संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस कर घटना का पर्दाफाश किया। एसपी ने बताया कि 30 जुलाई की रात में झोपड़ी में जलाकर सुरेंद्र यादव की हत्या करने की सूचना पुलिस को दी गई थी। परिजनों के संदेह जाहिर करने पर पुलिस ने प्रधान प्रिया देवी, उनके पति वीरेंद्र, भसुर लालबचन व सुरेंद्र पासवान को आरोपी बना दिया। मगर गांव व प्रधान के घर के सामने लगे सीसीटीवी कैमरे की मदद से जांच की गई तो नामजद आरोपी निर्दोष पाए गए। इसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
दोनों अफसरों ने बताया कि पुलिस ने शराब की बोतल के बार कोड व अन्य स्रोतों से जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि तहसील प्रशासन की टीम ने लगभग डेढ़ साल पहले गांव की एक जमीन की पैमाइश की थी। इसमें जल जीवन मिशन के तहत पानी की टंकी के लिए जगह को सुरक्षित किया गया था। कीमती जमीन रामजीत यादव और उसके परिजनों के कब्जे में थी, जिसका वह लगातार विरोध करता था और पूर्व में पैमाइश के लिए आए राजस्व कर्मी से विवाद किया था, इसका केस भी दर्ज है। बताया जा रहा है कि रामजीत यादव, उसका लड़का महेंद्र, भतीजा पन्नेलाल व योगेंद्र पैमाइश के दौरान विवाद कर मिट्टी का तेल डालकर जलाने व स्वयं जलकर सभी लोगों को फंसाने की बात पहले भी गांव वालों के सामने कर चुके थे। इसी बीच एक जमीन के रुपये को लेकर विवाद भी परिवार में सामने आ गया।
पता चला कि रामजीत यादव, अयोध्या यादव व सुरेंद्र की मां मैना देवी की जमीन बेचने के लिए स्वयं सौदा किया था और प्रापर्टी डीलर से दो जमीन के बैनामा व एक जमीन की एग्रीमेंट की बात कही थी। उसने स्वयं व अयोध्या की जमीन को बैनामा करके एक करोड़ 19 लाख रुपये ले लिए। मैना देवी के खाते में 27 लाख रुपये डलवा कर जमीन के एग्रीमेंट का दबाव बना रहा था। इसका सुरेंद्र व मैना देवी विरोध कर रही थीं।
इधर, प्रापर्टी डीलर लगातार रामजीत यादव पर जमीन एग्रीमेंट करवाने के लिए दबाव बना रहा था। परिवार में विवाद बढ़ने पर सबने मिलकर हत्या की साजिश रची। फिर साजिशन सभी मिल गए और रामजीत ने भतीजे योगेंद्र, पन्नेलाल व महेंद्र को शराब पिलाई। घटना वाले दिन भी गांव में महेंद्र के घर पर रामजीत आकर रुका और योगेंद्र को शराब पिलाकर अपने लड़के के साथ भेजकर सुरेंद्र को शराब पिलाई। फिर सुरेंद्र को डंडे से मारा, जिससे वह सिर के बल गिर गया और बेहोश हो गया। इसके बाद साक्ष्य मिटाने के लिए जलाकर मार दिया व ग्राम प्रधान को नामजद करवा दिया।