महाकाल की नगरी उज्जैन में कमिश्नर ने चप्पल पहनकर शिवलिंग पर चढ़ाया, जल
शिवलिंग पर चप्पल पहनकर जल चढ़ाने से कमिश्नर संजय गुप्ता के खिलाफ पूरे देश में ब्याप्त हुआ आक्रोश
भगवान शिव के सामने दिखाई अफसरशाही और थोड़ी ही देर में निकल गई हेकड़ी
उज्जैन। किसी भी धार्मिक सथल पर जूता व चप्पल पहनकर जाना निषेधित रहता है, फिर भी पॉवरफुल लोग इसे नजरंदाज करके धार्मिक स्थलों पर जूता नव चप्पल पहनकर चले जाते है और उसी दशा में पूजा पाठ भे कर लेते हैं। ऐसा करके वह स्वयं को भगवान से ऊपर मान लेते हैं। जबकि वास्तव में ऐसा होता नहीं। कुछ ही देर में उनका बुखार उतर जाता है और वह सार्वजानिक रूप से माफी भी मांगने लगते हैं।
ऐसी ही घटना ये शनिवार को उज्जैन के शिप्रा तट पर घटी। दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर नमामि गंगे की तर्ज पर जगह-जगह घाटों की सफाई की जा रही है। इसी अभियान के तहत शिप्रा नदी के रामघाट पर घाटों की सफाई के बाद जनप्रतिनिधि और जिले के आला अधिकारी शिवलिंग का पूजन कर रहे थे। बाकी सभी नंगे पैर होकर पूजन कर रहे थे लेकिन कमिश्नर संजय गुप्ता चप्पल पहनकर जल चढ़ाते दिखे।
चप्पल पहने जल चढ़ाते हुए फोटो वायरल होते ही कमिश्नर साहेब अब मांग रहे माफी
कमिश्नर का ये फोटो वायरल होते ही बवाल मच गया, जिसके बाद जनप्रतिनिधियों ने इस पूरे मामले में कमिश्नर को माफी मांगने की बात कही है। इस मामले में संभाग कमिश्नर संजय गुप्ता ने सफाई देते हुए कहा, ” मुझसे भूल चूक हुई है। जैसे ही मेरे ध्यान में आया तो मैंने तुरंत चप्पल उतार दी थी। अगर इससे किसी की भावना आहत हुई है तो मे माफी मांगता हूं।”
उज्जैन संभाग के कमिश्नर संजय गुप्ता ने जब चप्पल पहनकर शिवलिंग पर जल चढ़ाया उस दौरान नगर निगम कमिश्नर आशीष पाठक, निगम सभापति कलावती यादव और उज्जैन उत्तर के विधायक अनिल जैन भी मौजूद रहे। इन सभी ने नंगे पैर भगवान शिव को जल चढ़ाया था। वहीं घटना पर नाराजगी जाहिर करते हुए उज्जैन के पार्षद शिवेंद्र तिवारी ने कहा, ”संभाग के सबसे बड़े अधिकारी कमिश्नर ने चप्पल पहनकर जल चढ़ाया। ये हिन्दू धर्म संस्कृति का अपमान है। इतने बड़े पद पर ये करना असहनीय है।”