Loksabha_Election_2024: आईये जाने संभल लोकसभा सीट का इतिहास, वहां का जातिगत समीकरण और चुनावी आंकड़ों की गुणा-गणित
Loksabha Election 2024: संभल लोकसभा सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। साल- 1977 में अस्तित्व में आई ये सीट मुस्लिम बाहुल्य है और यहां से मुलायम सिंह यादव भी सांसद रह चुके हैं। मुरादाबाद और रामपुर से सटी ये सीट कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में इस सीट पर पहली बार चौधरी चरण सिंह की पार्टी आरएलडी ने जीत दर्ज की। इसके बाद साल- 1980 और साल- 1984 के चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर कब्जा जमाया। लेकिन अगले ही चुनाव साल- 1989 और साल- 1991 में ये सीट जनता दल के खाते में चले गई।
वहीं 1996 के चुनाव में बाहुबली डीपी यादव ने बसपा के टिकट पर यहां परचम फहराया लेकिन साल- 1998 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव यहां से सांसद बने। फिर अगले साल यानी कि साल- 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में दोबारा मुलायम सिंह यादव यहां से सांसद चुने गए। इसके बाद उनके भाई राम गोपाल यादव यहां से सांसद बने। साल- 2009 में ये सीट दुबारा बसपा के खाते में चली गई। जबकि साल- 2014 में मोदी लहर पर सवार बीजेपी ने इस सीट को अपने खाते में डाला और यहां से सत्यपाल सैनी सांसद बने। वहीं साल- 2019 के चुनाव में ये सीट सपा के खाते में गई और यहां से शफीकुर्रहमान बर्क सांसद चुने गए।
सपा और भाजपा के बीच में होता दिख रहा है, संभल सीट का चुनावी मुकाबला
साल-2024 के लोकसभा चुनाव में संभल लोकसभा सीट पर कुल 32 सेट में नामांकन पत्र दाखिल किये गए, जिसमें 22 नामांकन सेट स्वीकार किये गए और 9 उम्मीदवार के नामांकन रिजेक्ट किये गये। वहीं एक उम्मीदवार द्वारा अपना नामांकन वापस ले लिए गया। इस तरह चुनावी मैदान में कुल 12 उम्मीदवार शेष बचे जो अपने प्रचार में दिन रात लगे हुए हैं। प्रमुख उम्मीदवारों में सपा से जियाऊर्रहमान, बसपा से सौकत अली और भाजपा से परमेश्वर लाल चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। संभल लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होगा। यहाँ चुनावी मुकाबला सपा और भाजपा के बीच में होता दिख रहा है।
संभल लोकसभा सीट की पांच विधानसभा सीटें
इस लोकसभा सीट में कुल 5 विधानसभा सीटें हैं। जिनमें 2 मुरादाबाद की और 3 संभल जिले की सीटें हैं। किस जिले के अंतर्गत कौन सी विधानसभा सीटें आती हैं ? संभल लोकसभा क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा सीटें हैं। इनमें चंदौसी,असमोली, संभल, कुंदरकी और बिलारी विधान सभा सीटें है। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में चंदौसी विधानसभा सीट पर ही बीजेपी जीत पाई थी। जबकि बाकी 4 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी।
साल- 2004 के लोकसभा चुनाव परिणाम पर डाले नजर
साल- 2004 में संभल लोकसभा सीट पर हुए चुनाव में समाजवादी पार्टी से उम्मीदवार राम गोपाल यादव ने जीत दर्ज की थी। राम गोपाल ने बसपा के तरन्नुम अकील को हरा कर इस सीट पर कब्जा जमाया था। राम गोपाल को साल- 2004 के लोकसभा चुनाव में 3 लाख, 57 हज़ार, 49 वोट मिले थे। वहीं बसपा के तरन्नुम अकील को 1 लाख, 58 हज़ार, 988 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बाहुबली डीपी यादव रहे।डीपी यादव खुद की पार्टी राष्ट्रीय परिवर्तन दल बनाकर चुनाव लड़े थे। डीपी यादव को 1 लाख, 37 हज़ार, 273 वोट मिले थे।
साल- 2009 के लोकसभा चुनाव परिणाम पर डाले नजर
साल- 2009 में रांभल लोकसभा सीट पर हुए चुनाव में बसपा उम्मीदवार शफीक उर रहमान बर्क ने जीत दर्ज की थी। शफीक उर रहमान बर्क ने बसपा के टिकट से सपा उम्मीदवार इकबाल महमूद को हरा कर इस सीट पर कब्जा जमाया था। शफीक उर रहमान बर्क को साल- 2009 के लोकसभा चुनाव में 2 लाख, 7 हजार, 422 वोट मिले थे। वहीं सपा उम्मीदवार इकबाल महमूद को 1 लाख, 93 हज़ार, 958 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के चंद्र विजय को 1 लाख, 29 हज़ार, 228 वोट मिले थे।
एक नजर साल- 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
साल- 2014 में हुए लोकसभा चुनाव पर नजर डालें, तो इस सीट पर बीजेपी के सत्यपाल सैनी ने सपा के शफीक उर रहमान बर्क को हराया था। सत्यपाल सैनी को कुल 3 लाख, 60 हज़ार, 242 वोट मिले थे। जबकि सपा से शफीक उर रहमान बर्क को 3 लाख, 55 हजार, 68 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बसपा उम्मीदवार अकील उर रहमान ख़ान को 2 लाख, 52 हजार, 640 वोट मिले थे।
संभल लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या
साल- 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में संभल सीट पर कुल वोटरों की संख्या 18 लाख, 13 हज़ार, 839 थी। जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या- 9 लाख, 78 हजार, 321 थी। जबकि महिला वोटरों की संख्या- 8 लाख, 35 हज़ार, 392 थी। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या- 126 रही।
साल- 2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम पर डाले नजर
संभल लोकसभा सीट पर साल- 2019 में हुए चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर सपा के शफीकुर्रहमान बर्क ने जीत दर्ज की थी। शफीकुर्रहमान बर्क ने भाजपा के परमेश्वर लाल सैनी को लगभग 2 लाख वोटों के अधिक अंतर से हराया था। बर्क को कुल 6 लाख, 58 हज़ार, 6 वोट मिले थे। जबकि भाजपा के परमेश्वर लाल को 4 लाख, 83 हजार, 180 वोट मिले। वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के मेजर जगत पाल सिंह थे। जिनको 12 हज़ार 105 वोट मिले थे।