Loksabha_Election_2024: आईये जाने जालौन सुरक्षित लोकसभा सीट का संसदीय इतिहास, वहां का जातिगत समीकरण और चुनावी आंकड़ों की गुणा-गणित
Loksabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटें हैं। बुंदेलखंड के लोकसभा सीटों में से एक जालौन सीट है। जिले का मुख्यालय उरई है जो कानपुर-झांसी एनएच 27 पर बसा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि जालौन जिले का नाम ऋषि जलवान के नाम पर पड़ा, प्राचीन काल में जलवान ऋषि यहीं पर रहते थे। यह जिला 3 नदियों, यमुना, बेतवा और पहूज से घिरा हुआ है। इस क्षेत्र का सबसे पुराना पारंपरिक शासक ययाती को बताया गया है, जिसका पुराण और महाभारत में एक महान विजेता के रूप में जिक्र किया गया है। एक तरफ पचनद तो दूसरी तरफ यमुना और बेतवा नदियों से घिरा जालौन, कानपुर देहात और झांसी को मिलाकर संसदीय क्षेत्र का परिसीमन किया गया है।
लोकसभा सीट लखनऊ का संसदीय इतिहास
जालौन की यह सीट साल- 1962 में अस्तित्व में आई। यहां पहली बार हुए चुनाव में कांग्रेस के चौधरी राम सेवक ने जीत दर्ज की। इस सीट पर अब तक 14 बार चुनाव हुए हैं। जिनमें 5 बार कांग्रेस और 5 बार बीजेपी ने जीत दर्ज की है। साल- 1962 के बाद साल- 1967 और साल- 1971 के चुनाव में चौधरी राम सेवक ने ही जीत दर्ज की। साल- 1977 के चुनाव में भारतीय लोकदल के रामचरण ने इस सीट पर जीत हासिल की और साल- 1980 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के नाथूराम ने एक बार फिर ये सीट जीती।
वहीं साल- 1984 के कांग्रेस लहर में कांग्रेस के लछिराम ने यहां से चुनाव जीता, लेकिन साल- 1989 में जनता दल के टिकट पर राम सेवक, साल- 1991 में बीजेपी के गया प्रसाद तो साल-1996 और साल- 1998 में बीजेपी के भानूप्रताप, तो वहीं साल- 1999 में बसपा के बृजलाल खाबरी चुनाव जीत कर बाजी मारी थी। साल- 2004 में बीजेपी के भानूप्रताप वर्मा, साल- 2009 में सपा के घनश्याम अनुरागी और साल- 2014 के मोदी लहर में बीजेपी ने भानूप्रताप वर्मा ने यहां से चुनाव जीता।
लोकसभा क्षेत्र जालौन की 5 विधानसभा सीटें
इस लोकसभा क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा सीटें आती हैं। इसमें भोगनीपुर, माधवगढ़, कालपी, उरई और गरौठा विधानसभा सीट शामिल है। जिनमें माधवगढ़, कालपी और उरई जालौन जिले में, गरौठा झांसी जिले में और भोगनीपुर कानपुर देहात में आता है। इसमें उरई विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। मौजूदा समय में पांचों सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। साल- 2017 के विधानसभा चुनाव में इनमें से सभी सीटों पर बीजेपी का कब्जा रहा। सपा, बसपा ने बीजेपी को टक्कर तो दी, लेकिन कही भी जीत हासिल नहीं कर सके।
लोकसभा सीट लखनऊ में मतदाताओं की संख्या
जालौन लोकसभा सीट पर मतदाताओं की बात करें तो कुल संख्या- 19 लाख, 17 हज़ार, 700 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या- 10 लाख, 40 हज़ार, 835 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या- 8 लाख, 76 हज़ार, 769 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या- 96 है।
साल- 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2004 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के भानू प्रताप सिंह ने सपा के घनश्याम अनुरागी को चुनाव हराया था। साल- 2004 में भानू प्रताप को कुल 1 लाख, 95 हज़ार, 228 वोट मिले थे। जबकि सपा के घनश्याम अनुरागी को कुल 1 लाख, 68 हज़ार, 437 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर बसपा के बृजलाल खाबरी रहे। खाबरी को कुल 1 लाख, 57 हज़ार, 559 वोट मिले।
साल- 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2009 के लोकसभा चुनाव में सपा के घनश्याम अनुरागी ने बसपा के तिलक चंद्र अहिरवार को हराया था। अनुरागी को कुल 2 लाख, 83 हज़ार, 23 वोट मिले थे। जबकि अहिरवार को कुल 2 लाख, 71 हज़ार, 614 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बीजेपी के भानू प्रतार रहे। भानू प्रताप को कुल 1 लाख, 31 हज़ार, 259 वोट मिले।
साल- 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
झांसी लोकसभा सीट पर साल- 2014 में बीजेपी के भानू प्रताप वर्मा ने बसपा के बृजलाल खाबरी को हराया था। भानू प्रताप को कुल 5 लाख, 48 हज़ार, 631 वोट मिले थे। वहीं खाबरी को कुल 2 लाख, 61 हज़ार, 429 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर सपा के घनश्याम अनुरागी रहे। घनश्याम अनुरागी को कुल 1 लाख, 80 हज़ार, 921 वोट मिले।
साल- 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
यूपी में साल- 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 62 सीटों पर जीत मिली थी। बीजेपी के खाते में आई 62 सीटों में से एक जालौन संसदीय सीट भी शामिल थी। साल- 2019 के लोकसभा चुनाव में जालौन सुरक्षित संसदीय सीट पर महज 5 उम्मीदवार ही मैदान में उतरे थे, लेकिन यहां पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और बसपा के प्रत्याशी के बीच ही था, जिसमें जीत बीजेपी के खाते में आई। बीजेपी के उम्मीदवार भानु प्रताप सिंह वर्मा को चुनाव में 5 लाख, 81 हजार, 763 वोट मिले, जबकि बसपा के टिकट पर मैदान में खड़े हुए अजय सिंह के खाते में 4 लाख, 23 हजार, 386 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस के बृजलाल खाबरी को 89 हजार, 606 मत मिले थे, वह तीसरे स्थान पर थे। भाजपा के भानु प्रताप सिंह वर्मा ने 1 लाख, 58 हजार, 377 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी।
लोकसभा सीट जालौन पर जातीय समीकरण
जालौन लोकसभा सीट सुरक्षित है, फिर भी यहाँ क्षत्रिय, वैश्य, लोधी और ब्राह्मण, कुर्मी, कुशवाहा और राठौर बिरादरी के मतदाताओं की संख्या काफी तादात में है। इस सीट पर मुसलमान-90 हजार, दलित-3.50 लाख यादव-52000, ब्राह्मण-1.25 लाख, क्षत्रिय-80 हजार, वैश्य-70 हजार, लोधी-50 हजार, कुर्मी-45 हजार, कुशवाहा-70 हजार, राठौर-30 हजार है। मुस्लिम, यादव फैक्टर के तहत 1.40 लाख मतदाता किसी भी दल का सियासी समीकरण बनाने और बिगाड़ने में सक्षम हैं।
लोकसभा चुनाव-2024 में हो रहे आम चुनाव में जालौन लोकसभा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी भानु प्रताप सिंह वर्मा और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी नारायण दास अहिरवार के बीच हो रही है। इन दोनों प्रमुख उम्मीदवारों के बीच मुकाबला दिलचस्प है। बसपा ने सुरेश चन्द्र गौतम को अपना उम्मीदवार बनाया है। जालौन में इस बार 6 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। इसमें भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी इंडिया गठबंधन, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय शक्ति चेतना पार्टी और निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं। सांसद भानूप्रताप वर्मा पर बीजेपी ने साल- 2024 में भी भरोसा जताया है। वह मोदी सरकार में राज्यमंत्री भी हैं।