लोकबंधु अस्पताल के सेकेंड फ्लाेर में लगी आग : वार्ड से जान बचाकर बाहर निकले मरीज और तीमारदार
लखनऊ के कृष्णानगर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत लोकबंधु अस्पताल में उस वक्त हड़कम्प मच गया। जब अस्पताल में 2nd फ्लोर पर बने एक वार्ड में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लग गई। चंद मिनट में आग ने विकराल रूप ले लिया। मौजूद लोगों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया लेकिन नजीता शून्य रहा। एक दम से आग फैल गई। जिस वजह से वार्ड में भर्ती मरीज और तीमारदार शोर मचाते हुए जान बचाकर वहां से बाहर की तरफ निकले। जिसके बाद लोगों ने फौरन पुलिस कंट्रोल रूम पर सूचना देते हुए दमकल विभाग को अग्निकांड की जानकारी दी। सूचना मिलते ही आशियाना, सरोजनीनगर, आलमबाग, पीजीआई और हजरतगंज फायर स्टेशन से दमकल की गाड़ियां रवाना हुई। हालांकि, अभी तक किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है।
DCP साउथ निपुण अग्रवाल के मुताबिक, अस्पताल के दूसरे तल पर एनआईसीयू और महिला यूनिट है। इस फ्लोर पर करीब 55 मरीज भर्ती थे। प्रथम दृष्टया में शार्ट सर्किट की वजह से अस्पताल में आग लगी है। भर्ती मरीजों को एम्बुलेंस की मदद से आसपास के नजदीकी अस्पताल में पहुंचाया गया है। फिलहाल, इस अग्निकांड में कोई जनहानि नहीं हुई। आग लगने से वार्ड में दम घोंटू धुंए का गुबार भर गया था। वहीं, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी लोकबुंध अस्पताल में पहुंचे।
आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। इस दौरान उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लोकबंधु अस्पताल में लगी आग पर कहा कि भूतल पर धुआं देखा गया। अस्पताल के चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ ने तुरंत मरीजों को वहां से शिफ्ट करना शुरू किया। करीब 200 मरीजों को वहां से शिफ्ट किया गया है, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। दमकल विभाग के कर्मचारी और अधिकारी आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं… कोई मरीज हताहत नहीं हुआ है…2-3 गंभीर मरीजों को KGMU के ICU वार्ड में शिफ्ट किया गया है।
अस्पताल में 253 मरीज थे भर्ती
लोकबंधु अस्पताल में सुबह करीब 253 मरीज भर्ती थे, इनमें कुछ मरीज दोपहर में डिस्चार्ज हो गए थे, जिसके बाद लगभग 225 मरीज रात को भर्ती थे। आग की घटना के बाद समय रहते सभी मरीजों को सकुशल केजीएमयू, बलरामपुर और सिविल अस्पताल में शिफ्ट करा दिया गया है। इन मरीजों में करीब 10 बच्चे भी शामिल हैं। अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजीव दीक्षित के मुताबिक कोई मरीज आग की घटना से गंभीर नहीं हुआ है। कुछ भर्ती मरीज स्वेच्छा से घर चले गए, अन्य सभी को विभिन्न अस्पतालों में भेज दिया गया है। बचाव कार्य में अस्पताल प्रशासन के अलावा डॉक्टरों और कर्मचारियों ने अथक प्रयास किया है।