मणिपुर में दो छात्रों की हत्या के मुख्य आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को बताया कि अपहृत दो छात्रों की मौत के जिम्मेदार दो मुख्य आरोपियों को चुराचांदपुर जिले से गिरफ्तार कर लिया गया है. छात्र फिजाम हेमजीत (20) और छात्रा हिजाम लिनथोइनगांबी (17) की मौत का खुलासा तब हुआ जब कथित तौर पर उनकी हत्या से पहले और बाद की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आईं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हत्या के दोषियों को इस मामले में सख्त से सख्त सजा (मृत्युदंड) दिलवाई जाएगी. सीएम एन बीरेन सिंह ने रविवार को X पर ट्वीट करके मामले की जानकारी दी.
जुलाई से लापता छात्रों (एक छात्र-एक छात्रा) की तस्वीर वायरल…
बता दें कि, मणिपुर में जुलाई से लापता दो छात्रों के मर्डर की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी. ये दोनों 6 जुलाई से लापता थे. तस्वीरों से लग रहा है कि इसे दोनों की हत्या के बाद क्लिक किया गया है. पहली तस्वीर में दोनों घास के एक मैदान में बैठे नजर आ रहे हैं. वहीं, दूसरी तस्वीर में उनकी हत्या का आभास हो रहा था. इस फोटो में उनके पीछे दो हथियारबंद लोग भी नजर आ रहे हैं. स्टूडेंट्स की पहचान 17 साल की लड़की हिजाम लिनथोइनगांबी और 20 साल के लड़के फिजाम हेमजीत के रूप में हुई थी.
सीएम ने कही थी एक्शन लेने की बात…
सोशल मीडिया पर तस्वीरें आने के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने वारदात में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात कही थी. मुख्यमंत्री ने कहा था कि सरकार जुलाई 2023 से लापता दो छात्रों के मर्डर की तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल होने की बात सामने आई है. इस केस को पहले ही CBI को सौंपा जा चुका था.
27 सितंबर को बंद किया गया था इंटरनेट…
मणिपुर में 3 मई को कुकी और मैतेई समुदाय के बीच शुरू हुआ संघर्ष अभी जारी ही है. मणिपुर में इंटरनेट सेवाएं बहाल करने के 2 दिन बाद ही बीते 27 सितंबर को इस पर फिर से पाबंदी लगा दी गई थी. ये फैसला 6 जुलाई से लापता 2 छात्रों की हत्या के बाद लिया गया था.
1 अक्टूबर तक के लिए बैन का आदेश…
सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि मणिपुर में मोबाइल इंटरनेट डेटा सेवाओं और इंटरनेट सेवाओं पर 1 अक्टूबर शाम 7:45 बजे तक पांच दिनों तक पाबंदी रहेगी. बीते मंगलवार को इंफाल में 2 मैतेई छात्रों के शवों की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल होने के बाद बड़े पैमाने पर आक्रोश फैल गया था. इसके बाद मणिपुर सरकार ने राज्य में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया था.
150 से ज्यादा लोगों की हो चुकी है मौत…
बता दें कि मणिपुर में 3 मई को पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद भड़की जातीय हिंसा में अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इस हिंसा में 3 हजार से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. हिंसा को कंट्रोल करने और राज्य में हालात ठीक करने के लिए मणिपुर पुलिस के अलावा करीब 40 हजार केंद्रीय सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है. शनिवार को ही चार महीने से बंद मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को शुरू किया गया है.