प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या के राजाराम से अवधेश प्रसाद की तुलना करते ही सपा के बुरे दिन शुरू, वह उसी अयोध्या में ही अब गई है, फंस
फैजाबाद से लोकसभा जीतने के बाद सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव अयोध्या नरेश की उपाधि देकर अवधेश प्रसाद का किया था, महिमा मंडन
अयोध्या। लोकसभा चुनाव 2024 में फैजाबाद लोकसभा से समाजवादी पार्टी जीत के साथ उभरी।सपा की विजय की चर्चा देश और विदेश में हुई। भारतीय जनता पार्टी अयोध्या विधानसभा से जीती थी,लेकिन अन्य चार विधानसभा से हार गई थी। लोकसभा हुए अभी दो महीना ही हुआ है। फैजाबाद लोकसभा से सपा की जीत के जश्न पर ग्रहण लग गया है।
सपा जिस फैजाबाद लोकसभा सीट जीतकर उठी वहीं फंस गई है। अयोध्या जिले के पूराकलंदर थाना क्षेत्र के भदरसा में पिछड़ी जाति की 12 वर्षीय बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर अयोध्या के साथ यूपी में राजनीति चरम पर है। दुष्कर्म का मुख्य आरोपी भदरसा सपा नगर अध्यक्ष मोईद खान के जेल जाने के बाद से विपक्ष खामोश है तो वहीं सत्ता पक्ष हमलावर है। इसलिए राजनीति पर असर पड़ना भी लाजमी है।
फैजाबाद सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने चुनाव जीतने के बाद मिल्कीपुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दिया है। मिल्कीपुर विधानसभा में उपचुनाव होना है। इसलिए गर्माई अयोध्या की राजनीति के बीच उपचुनाव पर पड़ने वाले असर का आंकलन भी शुरू हो गया है।
मिल्कीपुर के उपचुनाव से सरगर्मी हुई तेज
सपा अयोध्या की जीत से देश और विदेश तक एक बड़ा संदेश देने की कोशिश थी, लेकिन भदरसा सपा नगर अध्यक्ष और सपा सांसद अवधेश प्रसाद के करीबी मोईद खान सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी बने तो सामाजिक और राजनीतिक दोनों सरगर्मियां तेज हो गई। दुष्कर्म मामले में राजनीति और ज्यादा तेज इसलिए हो गई है, क्योंकि चर्चा है कि मिल्कीपुर उपचुनाव में सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद सपा के प्रत्याशी हो सकते हैं।
इंडिया गठबंधन ने मानाया था, जीता का जश्न
फैजाबाद से अवधेश प्रसाद की जीत के बाद इंडिया गठबंधन ने पूरे देश में जश्न मनाया था। संसद की अगली सीट पर सपा मुखिया अखिलेश यादव और कांग्रेस की बागडोर संभालने वाले नेता विपक्ष राहुल गांधी के बीच में अवधेश प्रसाद को हीरो की तरह बैठाया गया। यहां तक कि अवधेश प्रसाद को अयोध्या का राजा तक बता दिया गया।
दुष्कर्म मामले ने पलट दिया, समीकरण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पीड़िता की मां से मुलाकात करने के बाद अयोध्या की राजनीतिक पृष्ठभूमि बदल चुकी है। दो महीने से जीत का जश्न मना रही सपा अपनों के कारण कटघरे में खड़ी है। राजनीति की इस कहानी में तड़का बुलडोजर का भी लग गया है। तालाब और दलितों की जमीन पर अवैध कब्जा कर खड़े किए गए मोईद खान के साम्राज्य पर बुलडोजर भी चल रहा है।