जेल में दुष्कर्म के आरोपी की मौत, परिजन बोले की गई हत्या, छोड़ने के एवज में मांगे थे 2 लाख
ग्वालियर। केंद्रीय जेल ग्वालियर में बंद दुष्कर्म के आरोपी मनोज यादव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वह करीब पांच साल से जेल में था। उसके परिजन जमानत पर छोड़े जाने का कोर्ट का आदेश लेकर जेल पहुंचे थे।
परिजनों का कहना है कि उसे बुधवार को ही रिहा कर दिया जाना था, लेकिन जेलर ने सुबह आने की बात कही। सुबह पहुंचे, तो वह मृत मिला। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए झांसी रोड पर चक्काजाम कर दिया। परिजनों की मांग है कि लापरवाही बरतने वाले जेल प्रहरियों पर कार्रवाई की जाए।
दुष्कर्म के आरोप में मिली थी जमानत…
उप्र के महोबा स्थित कुलपहाड़ क्षेत्र में रहने वाले मनोज यादव पुत्र दयाराम पर दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की धारा में एफआइआर हुई थी। उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 4 फरवरी 2020 को उसे केंद्रीय जेल ग्वालियर लाया गया। तभी से वह जेल में बंद था। उसे कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
ग्वालियर जेल से छुड़ाने गए थे परिजन…
उसकी बहन और अन्य परिजन उसे छुड़ाने ग्वालियर आए थे। उनके साथ उप्र पुलिस का सिपाही भी था। बुधवार शाम को पहुंचे तो जेल प्रहरियों ने कहा कि समय अधिक हो गया है। उसे सुबह छोड़ दिया जाएगा। परिजन उसे सुबह लेने पहुंचे, तो कुछ देर जेल प्रहरियों ने गुमराह किया। फिर अंदर ले गए, जहां बताया कि मनोज की मौत हो गई है। यह सुनकर परिजन दंग रह गए, क्योंकि शाम को ही उससे मुलाकात हुई थी।
सड़क पर शव रखकर किया चक्का जाम…
परिजनों ने पहले जेल के बाहर नारेबाजी की। शव का पोस्टमार्टम होने के बाद गुरुवार शाम को इन लोगों ने सड़क पर लाश रखकर चक्काजाम कर दिया। परिजनों का कहना था कि मनोज यादव की मौत के पीछे साजिश है। उसे मारा गया है।