जिले के कप्तान की साख को उनके ही मातहत मिट्टी में मिला रहे हैं
गलती होने पर एक दूसरे के ऊपर जिम्मेदारी थोपकर अपनी जिम्मेदारी से जिम्मेदार हो जाना चाहता है, मुक्त…
प्रतापगढ़। इस बार जनपद प्रतापगढ़ में पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में पुलिस लाइन में भगवान श्रीकृष्ण जी का जन्मोत्सव मनाया जायेगा। पुलिस ने सारी तैयारियां पूरी कर ली है। आमंत्रण पत्र भी प्रकाशित कराये गए हैं। उनका वितरण भी कर दिया गया है। एलआईयू द्वारा आमंत्रण कार्ड जब मीडियाकर्मियों को दिया गया तो कार्ड के लिफाफे और अंदर के कार्ड पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर पुलिस लाइन्स, प्रतापगढ़ में आयोजित पृष्ठांकित कार्यक्रमों के अवलोकनार्थ आप सपरिवार सादर आमंत्रित हैं। विनीत में सतपाल IPS पुलिस अधीक्षक, प्रतापगढ़ और नीचे निवेदक में पहले स्थान पर सोमदत्त शुक्ल, प्रतिसार निरीक्षक, प्रतापगढ़ दूसरे स्थान पर उत्तरापेक्षी- करिश्मा गुप्ता, पुलिस उपाधीक्षक लाइन्स, प्रतापगढ़ और तीसरे स्थान पर संयोजक- रोहित मिश्र, अपर पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) प्रतापगढ़ एवं सबसे अंत में संयोजक विद्या सागर मिश्र अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) प्रतापगढ़ का नाम लिखा गया है। आमंत्रण कार्ड में अंदर और बाहर दोनों स्थानों पर कार्यक्रम के नीचे दिनांक :- 07 अगस्त, 2023, गुरुवार लिखा गया है। ताज्जुब की बात यह कि इतने अधिकारियों की नजरों से यह कार्ड वितरण होने से पहले गुजरा होगा, परन्तु किसी की नजर इतनी बड़ी त्रुटी पर नहीं गई और कार्ड का वितरण कर दिया गया। इस बावत जब जानकारी की गई तो एलआईयू इंस्पेक्टर यह कहकर पल्ला झाड़ लिए कि आमंत्रण कार्ड का प्रकाशन प्रतिसार निरीक्षक प्रतापगढ़ ने कराया है। जब प्रतिसार निरीक्षक प्रतापगढ़ से पूंछा तो उन्होंने अपनी गलती स्वीकार किया। फिलहाल गलती तो यह कॉमन है, परन्तु दोषपूर्ण है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर पूरे देश में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ भगवान श्रीकृष्ण जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के आठवें दिन आधी रात को हुआ था, जिसे कृष्णाष्टमी या गोकुलाष्टमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भक्त भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विधि-विधान से पूजा-अर्चना व उपवास करते हैं। भगवान श्रीकृष्ण जी का जन्म आधी रात को हुआ था, इसलिए यह पर्व दो दिन मनाया जाता है। जो भक्त उपवास रखकर भगवान के जन्म होने तक उनके लिए भजन कीर्तन करते हैं, उनका मानना होता है कि भगवान श्रीकृष्ण जी के पिता वासुदेव जी और माँ देवकी जी को उनके ही भाई कंस ने हाथों और पैरों में बेड़िया डालकर कारागार में कैद कर पहरा लगा दिया था, क्योंकि उसे अपनी ही बहन देवकी जी की आठवीं संतान से मौत का डर सता रहा था। भगवान श्रीकृष्ण जी का जन्म होते ही उनके माता पिता की हाथों की बेड़िया खुल गई और कारागार भी स्वतः खुल गया था। साथ ही पहरेदार सब सो गए थे। इसलिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर प्रत्येक जिले और थानों सहित कारागार में श्रीकृष्ण जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार ने इस पर्व को पुलिस लाइन, थाना और कारागार में मनाने पर रोक लगा दिया गया था, बाद में साल 2017 में योगी सरकार बनने के बाद इसे पुनः शुरू किया गया।