कांग्रेस के वे 5 नेता जिन्हें जीतू पटवारी के अध्यक्ष बनने से लगा बड़ा झटका, दो हैं सबसे खास
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने बड़ा बदलाव किया है। कांग्रेस ने युवा नेतृत्व को कमान सौंपी है। जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस ने यह मैसेज दिया है कि पार्टी में अब किसी नेता पुत्र की जगह ऐसे कार्यकर्ता को प्रमोट किया जाएगा जिसकी जमीन पकड़ मजबूत है। जीतू पटवारी, राहुल गांधी की पसंद हैं और करीबी नेता हैं। जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस ने पांच बड़े नेताओं को झटका दिया है। आइए जानते हैं कौन-कौन से हैं वे पांच नेता।
अजय सिंह विंध्य क्षेत्र में कांग्रेस के बड़े नेता हैं। पूर्व सीएम और कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे अर्जुन सिंह के बेटे हैं। अजय सिंह को दिग्विजय सिंह का करीबी माना जाता है। उनका नाम नेता प्रतिपक्ष की रेस में थे लेकिन राहुल गांधी ने युवा नेताओं को मौका दिया।
विधानसभा चुनाव के दौरान नकुलनाथ काफी एक्टिव थे। अभी छिंदवाड़ा से सांसद हैं। पिता कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उनका कद बढ़ा था लेकिन अब जीतू पटवारी के प्रदेश अध्यक्ष बनने से नकुलनाथ के लिए मुश्किलें हो सकती हैं। नकुलनाथ, एमपी में खुद को प्रोजेक्ट करने में लगे हुए थे।
राघौगढ़ विधानसभा सीट से लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। जयवर्धन सिंह, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के बेटे हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान ग्वालियर-चंबल इलाके में बहुत ज्यादा एक्टिव थे। जीतू पटवारी के आने के बाद से उनका दबदबा कम हो सकता है।
लंबे समय से पद का इंतजार कर रहे अरुण यादव को बड़ा झटका लगा है। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में हार के बाद माना जा रहा था कि अरुण यादव अध्यक्ष बन सकते हैं लेकिन कांग्रेस ने जीतू पटवारी को मौका दिया है। अरुण यादव के पास फिलहाल पार्टी में कोई पद नहीं हैं। वह, सीनियर कांग्रेस लीडर सुभाष यादव के बेटे हैं।
झाबुआ विधानसभा सीट से विधायक विक्रांत भूरिया को भी बड़ा झटका लगा है। विक्रांत भूरिया के पिता कांतिलाल भूरिया, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के करीबी हैं। दिग्विजय सिंह के कारण ही इस बार विक्रांत को टिकट मिला था लेकिन अब जीतू पटवारी के आने से मध्यप्रदेश की सियासत में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। जीतू पटवारी, कमलनाथ और दिग्विजय खेमे के नहीं हैं।