फरियादियों को चाय-बिस्कुट और चॉकलेट के लिए पूछेगी UP पुलिस, थाने-चौकियों में ये 3 शब्द बोलने पर चली जाएगी नौकरी
गाजियाबाद। यूपी की ‘ठोक देने वाली पुलिस’ अब नए दौर में प्रवेश करने जा रही है। योगी राज में बीते कुछ सालों में यूपी पुलिस ने जिस हेकड़ी से गुंडे-मवाली और हिस्ट्रीशीटर का काम तमाम किया। अब उस छवि के विपरीत थानों में फरियादियों को चाय और बिस्कुट के लिए पूछेगी ही, साथ में जी और आप कहकर भी बुलाएगी। अगर योगी राज में पुलिसवाले किसी फरियादी को तू-तड़ाक, अबे या फिर गाली-गलौज किया तो उस पुलिसवालों पर कार्रवाई भी हो सकती है। बीते कुछ सालों से यूपी में एनकाउंटर होने के खौफ से परेशान गुंडे-मवाली या हिस्ट्रीशीटर खुद थाने पहुंचकर जान की भीख मांगते थे।
यूपी पुलिस उसका वीडियो जारी कर यह मैसेज देती थी कि अगर कुछ गलत किए तो ‘ठोक दिए जाओगे’ लेकिन योगी की पुलिस अब लोगों के साथ शिष्टाचार भी निभाएगी। गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड ने एक आदेश जारी किया है, जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है।
पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड ने पुलिसकर्मियों को निर्देश दिया है कि वे फरियादियों से ‘तुम’ या ‘तू’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करें। बल्कि ‘आप’ का प्रयोग करें और नाम के साथ ‘जी’ जरूर जोड़ें। इसके साथ ही थानों में कुर्सी, पानी और बच्चों के लिए टॉफी जैसी सुविधाएं भी अनिवार्य की गई हैं। यह कदम यूपी पुलिस की छवि को संवेदनशील और जनता से जोड़े रखने के रूप में देखा जा रहा है।
पुलिस की छवि बदलने की कवायद….
पिछले कुछ वर्षों में यूपी पुलिस पर असंवेदनशील व्यवहार और अभद्रता के कई आरोप लगे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियोज में पुलिसकर्मियों को फरियादियों के साथ गाली-गलौज करते या धमकाते देखा गया। उदाहरण के लिए हाल ही में प्रतापगढ़ में एक थानाध्यक्ष द्वारा वृद्ध व्यक्ति को गाली देकर भगाने या अलीगढ़ में एक दरोगा द्वारा महिला फरियादी को धमकाने की घटनाएं चर्चा में रहीं। ऐसे मामलों ने न केवल पुलिस की विश्वसनीयता को ठेस पहुंचाई, बल्कि योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर भी सवाल उठाए। ऐसे में गाजियाबाद के नए पुलिस कमिश्नर गौड का यह फैसला आम लोगों के मन में पुलिस के प्रति विश्वास को और जगाएगा।