रील बनाने के चक्कर में ड्राइवर ने ले ली 4 लोगों की जान, लापरवाही के कारण खाई में पलटी बस, 25 लोग हुए घायल
गुजरात के बनासकांठा जिले के त्रिशूलिया घाट पर सोमवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ। 50 से ज्यादा यात्रियों को ले जा रही एक बस के पलट जाने से चार लोगों की मौत हो गई। हादसे में 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि घायलों में दो स्थिति गंभीर है। यह हादसा बस के नियंत्रण खो देने की वजह से हुआ जिस कारण बस पलटने से पहले घाटी की रेलिंग से टकरा गई।
घायल यात्रियों को इलाज के लिए पालनपुर और अंबाजी के सिविल अस्पताल ले जाया गया है। लोगों का कहना है कि दुर्घटना ड्राइवर की लापरवाही की वजह से हुई है। ड्राइवर की लापरवाही की वजह से गई लोगों की जान? प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ड्राइवर का ध्यान पहाड़ी पर चढ़ते समय मोबाइल रील बनाने में लगा हुआ था। यात्रियों की चेतावनी के बावजूद, उसने अपनी हरकतें जारी रखीं। इसी लापरवाही के चलते हनुमान मंदिर के पास रेलिंग से टकरा गई और पलट गई।
कुछ यात्रियों को यह भी संदेह था कि ड्राइवर नशे में था, जिसकी वजह से यह दुर्घटना हुई। दुर्घटना के बाद, ड्राइवर मौके से फरार हो गया। पुलिस ने ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश में जुटी हुई है। अगर उसे जल्द ही पकड़ लिया जाता है, तो मेडिकल जांच से पता चल सकता है कि इस दुखद घटना में नशे की भूमिका थी या नहीं। बस अंबाजी मंदिर से लौट रही थी, इसी दौरान यह हादसा हुआ। हादसे में घायल हुए लोगों में से ज्यादातर खेड़ा जिले के कठलाल गांव के श्रद्धालु थे।
कलेक्टर ने क्या कहा? हादसे में हुई 4 मौतों पर बनासकांठा कलेक्टर मिहिर पटेल का कहना है, ”आज सुबह करीब 8:30 बजे अंबाजी दर्शन से लौट रही एक बस त्रिशूल्या घाट के पास अचानक पलट गई। इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई है, 25 घायल हैं। अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से 2 लोगों की हालत गंभीर है।”आस-पास के लोगों ने की घायलों की मदद दुर्घटना की खबर सुनकर आस-पास के ग्रामीण घायलों की मदद के लिए दौड़ पड़े। उन्होंने निजी वाहनों से पीड़ितों को अंबाजी अस्पताल पहुंचाया। यात्री अंबाजी मंदिर में एक वार्षिक समारोह में शामिल होने गए थे और वापस दांता शहर लौट रहे थे, तभी यह हादसा हुआ।
महिसा गांव के राजेशभाई रोहित ने बताया कि नवरात्रि के दौरान स्थानीय लोग अक्सर वार्षिक कार्यक्रम के लिए अंबाजी मंदिर जाते हैं। इस साल रविवार शाम को महिसा गांव के 15 और कथलाल गांव के करीब 20 लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। सोमवार सुबह वे घर लौट रहे थे, तभी यह दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना हुई। समुदाय अब इस त्रासदी से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए एकजुट हो रहा है, जबकि अधिकारी दुर्घटना के लिए जिम्मेदार चालक की गतिविधियों की जांच जारी रखे हुए हैं।