योगी मंत्रिमंडल का नवरात्र में हो सकता है विस्तार,ओपी राजभर समेत इन्हें मिल सकती है जगह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में जल्द बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की एक बार फिर अटकलें तेज हो गई हैं। नवरात्र में मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल का विस्तार सामान्य फेरबदल जितना व्यापक नहीं होगा। इसका दायरा सीमित होगा। दूसरी बार एनडीए में शामिल हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया पूर्व कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर को योगी कैबिनेट में जगह मिलना तय माना जा रहा है। समाजवादी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए दारा सिंह चौहान भी योगी सरकार में मंत्री बन सकते हैं।
योगी कैबिनेट का नवरात्र में हो सकता है विस्तार…
ओपी राजभर का एनडीए में शामिल होने और दारा सिंह चौहान का भाजपा में शामिल होने के बाद से ही दोनों की मंत्रिमंडल में शामिल होने की चर्चा थी। घोसी उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद राजभर और चौहान दोनों निशाने पर थे। बरहाल भाजपा नेतृत्व से बातचीत के दौरान राजभर लगातार मंत्री बनाए जाने का दावा कर रहे थे। वहीं घोसी में भाजपा प्रत्याशी के तौर पर हार के बाद बैकफुट पर आए दारा सिंह चौहान ने भी कैबिनेट में अपनी संभावना बरकरार रखने के लिए लखनऊ और दिल्ली का दौरा किया था।
ओपी राजभर के साथ इन्हें मिल सकती है जगह…
योगी कैबिनेट में फेरबदल की चर्चा काफी समय से हवा में उड़ रही है। कई चेहरों को लेकर चर्चा हैं कि उन्हें योगी कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। इसी तरह यह भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी ने भी कुछ मंत्रियों की कार्यशैली से खुश नहीं हैं। कुछ चेहरों को बदला जा सकता है तो वहीं कुछ नए चेहरे भी योगी कैबिनेट में जगह पाने के लिए उत्सुक नजर आ हैं। जहां नए फेरबदल में भी कुछ चेहरों को शामिल किया जा सकता है।
भाजपा ने यह संकेत दे दिया है कि इस बार सिर्फ जरूरी पदों पर ही बदलाव किया जाएगा। वहीं भाजपा के कई नेता भी इस मुद्दे को दिल्ली नेतृत्व के सामने रखने में जुटे हैं, लेकिन चर्चा छोटे-मोटे बदलावों को लेकर ही ज्यादा है। कहा जा रहा है कि अगले दौर में बड़ा फेरबदल होगा। चर्चा है कि यूपी में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए चुनावी संयोजन और रणनीति पर ध्यान केंद्रित करते हुए कुछ मामूली बदलावों के साथ नवरात्रि के दौरान होने वाले कैबिनेट विस्तार को लेकर शीर्ष नेतृत्व से हरी झंडी मिल गई है।
घोसी उपचुनाव के बाद लग रहे थे कयास…
बता दें कि घोसी उपचुनाव मिली करारी हार के बावजूद दारा सिंह चौहान को कैबिनेट में जगह देने से भाजपा कार्यकर्ताओं में अच्छा संदेश नहीं गया। इसे भी इस आधार पर खारिज किया जा रहा है कि पिछला विधानसभा चुनाव कौशांबी से हारने के बाद भी केशव को प्रसाद मौर्य को उपमुख्यमंत्री बनाया गया।भाजपा पूर्वी यूपी में लोकसभा चुनाव में वोट बढ़ाने के लिए दारा सिंह को बरकरार रखने पर विचार कर रही है,क्योंकि ओपी राजभर और दारा सिंह चौहान 2024 में सपा के खिलाफ महत्वपूर्ण लड़ाई के लिए महत्वपूर्ण हैं।