8 करोड़ रुपये कीमत का 13 किलो सोना जब्त, मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने की कार्रवाई, जीएसटी टीम जांच में जुटी
मध्यप्रदेश की रतलाम पुलिस ने शनिवार सुबह मुंबई से रतलाम लाए गए लगभग 13 किलो सोने को बरामद किया है। प्रशिक्षु आईपीएस मयूर खंडेलवाल ने मुखबीर सूचना के आधार पर कार्रवाई को अंजाम दिया है। फिलहाल जीएसटी के अधिकारी बिलों की जांच कर पता लगाने की कोशिश कर रहे है कि यह सोना नंबर एक का है या गलत तरीके से लाया जा रहा था।
जानकारी के अनुसार शनिवार सुबह प्रशिक्षु आईपीएस मयूर खंडेलवाल को मुखबीर से सूचना मिली कि मुंबई से रतलाम आ रही ट्रेन में एक व्यक्ति भारी मात्रा में सोने का परिवहन कर ला रहा है। जानकारी मिलने पर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए एसपी राहुल लोढ़ा के निर्देश पर प्रशिक्षु आईपीएस मयूर खंडेलवाल ने स्टेशन रोड पुलिस को साथ लेकर मुखबीर द्वारा बताए गए हुलिए के व्यक्ति को रोका। एक अन्य व्यक्ति उसे लेकर जा रहा था। तलाशी लेने पर उनके पास से सोने से भरे कई पार्सल मिले।
प्रशिक्षु आईपीएस मयूर खंडेलवाल ने बताया कि दोनों व्यक्तियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। उन्होंने अपने नाम राजस्थान निवासी सुभाष वर्मा और हरियाणा निवासी प्रवीण सैनी बताए हैं। प्रशिक्षु आईपीएस खंडेलवाल के अनुसार दोनों के पास से 100 के लगभग पार्सल मिले हैं जिसमें स्वर्ण आभूषण एवं सोना बरामद किया गया है। पुलिस के अनुसार बरामद सोना 13 किलो के लगभग है। जिसकी कीमत आठ करोड रुपये के लगभग बताई जा रही है।
जांच के लिए पहुंचे जीएसटी अधिकारी…
पुलिस के अनुसार कई पार्सल में बिल भी मौजूद है। पुलिस द्वारा मामले की जानकारी जीएसटी अधिकारियों को दी गई। इसके बाद जीएसटी विभाग के अधिकारी स्टेशन रोड थाने पर पहुंचे और बरामद सोने के बिलों की जांच शुरू की। जीएसटी अधिकारी यह पता लग रहे हैं कि पार्सल के साथ जो बिल है वह कहीं फर्जी तो नहीं है। जांच के बाद ही स्पष्ट रूप से खुलासा हो सकेगा कि जो सोना बरामद किया गया है वह नंबर एक में लाया जा रहा था या गलत तरीके से।
सर्राफा व्यापारी भी पहुंचे थाने…
मामले की जानकारी मिलने पर कई सर्राफा व्यापारी भी थाने पहुंचे। कई व्यापारियों का कहना था कि उनके पास बिल मौजूद है। सर्राफा एसोसिएशन अध्यक्ष झमक भरगट भी स्टेशन रोड थाने पहुंचे। उन्होंने मीडिया को बताया कि व्यापारी के पास बिल मौजूद है और उनके द्वारा प्रस्तुत कर दिए जाएंगे। फिलहाल पुलिस और जीएसटी अधिकारियों द्वारा मामले की जांच की जा रही है।