26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को मिली थोड़ी राहत,परिवार से फोन पर बात करने की मिली इजाजत
नई दिल्ली। जेल में बंद 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को पटियाला हाउस कोर्ट ने थोड़ी राहत दी है।परिवार से फोन पर एक बार बात करने की इजाजत दी है।कोर्ट ने कहा कि बातचीत के दौरान तिहाड़ जेल का एक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेगा।विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने राणा को केवल एक बार के लिए यह छूट दी। कोर्ट ने सोमवार से 10 दिन के भीतर राणा के स्वास्थ्य पर एक नई रिपोर्ट भी देने को कहा है।राणा को नियमित फोन कॉल की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं, न्यायाधीश ने इस पर जेल अधिकारियों को अपना रुख स्पष्ट करने के लिए एक रिपोर्ट भी दाखिल करने का निर्देश दिया।
हालांकि इसे पहले 24 अप्रैल को कोर्ट ने राणा की परिवार से बात करने की याचिका खारिज कर दी।तब पटियाला हाउस स्थित विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने एनआईए की दलील सुनने के बाद अनुमति देने से इनकार कर दिया था।एनआईए ने राणा की याचिका का विरोध करते हुए दलील दी थी कि उसको अगर अपने परिवार के सदस्यों से बात करने की अनुमति दी गई तो वह महत्वपूर्ण जानकारी साझा कर सकता है। एजेंसी ने कहा कि मामला अभी महत्वपूर्ण चरण में है।mआतंकी तहव्वुर राणा की ओर से पेश अधिवक्ता ने दलील दी थी कि विदेशी नागरिक होने के नाते ये राणा का मौलिक अधिकार है कि वह अपने परिवार से बात करे, जो उसके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। कोर्ट से इस इनकार के बाद आतंकी राणा ने फिर से कोर्ट में याचिका लगाई थी कि उसे परिवार से बात करने की अनुमति दी जाए,जिसके बाद यह फैसला आया है।
पाकिस्तानी मूल का कनाडाई उद्यमी 64 साल का राणा वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है। 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमलों के मुख्य षड्यंत्रकारी डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी के करीबी सहयोगी राणा को 4 अप्रैल को अमेरिका की शीर्ष अदालत द्वारा उसके प्रत्यर्पण के खिलाफ समीक्षा याचिका खारिज किए जाने के बाद भारत लाया गया था। आतंकी तहव्वुर राणा का प्रतिनिधित्व करने के लिए दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिवक्ता पीयूष सचदेवा को नियुक्त किया गया था।राणा पर हेडली और आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) तथा हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (एचयूजेआई) के गुर्गों के साथ-साथ पाकिस्तान स्थित अन्य सह-षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई पर तीन दिन तक आतंकी हमले की साजिश रचने का आरोप है।
बता दें कि 26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर हमला किया था।आतंकी पाकिस्तान से समुद्री मार्ग से नाव से देश की मुंबई पहुंचे थे।आतंकी मुंबई में घुसने के बाद एक रेलवे स्टेशन,दो लक्जरी होटल और एक यहूदी केंद्र पर हमले किए।हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी,300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। सुरक्षाबलों ने 4 दिन बाद आतंकी कसाब को जिंदा पकड़ने में कामयाबी हासिल की थी।