चचेरे भाई ने नाबालिग से किया दुष्कर्म, पोक्सो कोर्ट ने सुनाई दस साल की सजा, 51 हजार का लगाया जुर्माना
धौलपुर जिले के विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट ने 15 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी भाई को दोषी करार देते हुए उसे दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 51 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने बताया कि धौलपुर जिले के महिला पुलिस थाना पर एक पीड़ित 15 वर्षीय नाबालिग ने अपनी मां के साथ पांच मई 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
रिपोर्ट में उसने बताया कि दो मई 2019 को वह राजाखेड़ा इलाके के एक मैरिज होम में से सहेली की शादी से लौट रही थी। तभी रास्ते में उसके चाचा के लड़के ने उससे कहा कि मोटरसाइकिल से घर पर छोड़ दूंगा। पीड़िता अपने चचेरे भाई की मोटरसाइकिल पर घर जाने के लिए बैठ गई। पीड़िता का भाई उसे घर ले जाने के बजाय रात के अंधेरे में एक खेत में लगे बोरिंग पर ले गया। जहां उसके भाई ने नाबालिग के साथ पिस्टल के दम पर दुष्कर्म किया। दुष्कर्म करने के बाद आरोपी ने बहन को मारने का प्रयास किया।
फिर पीड़िता के घटना के बारे में किसी को नहीं बताने पर आरोपी उसे रात को घर पर छोड़ गया। आरोपी पीड़िता को उसके भाई और मां को जान से मारने की धमकी देकर भाग गया। पीड़िता की मां जब शादी में से घर लौट कर आई तो पीड़िता ने घटना के बारे में जानकारी दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया और नाबालिग के बयान और मेडीकल कराया। पुलिस ने आरोपी विशाल को डिटेन कर पूछताछ की तो घटना के बारे में उसने कबूल किया। आरोपी नाबालिग होने के कारण पुलिस ने उसे बाल न्यायालय में पेश किया। जो राजस्थान उच्च न्यायालय से जमानत पर चल रहा है।
प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट धौलपुर ने नाबालिग की व्यस्कों की तरह सुनवाई करने के लिए मुकदमा पॉक्सो न्यायालय में भेज दिया। पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश ने आरोपी का ट्रायल व्यस्कों की तरह शुरू कर चार्ज लगाया। पॉक्सो कोर्ट के लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने बताया कि मामले में 13 गवाह पेश कर दस्तावेजों को साबित कराया। प्रकरण में न्यायाधीश जमीर हुसैन ने दोनों पक्षों की बहस और लोक अभियोजक की दलील सुनने के बाद आज शुक्रवार को मुल्जिम 20 वर्षीय को दोषी करार देते हुए आईपीसी की धारा 376 व पॉक्सो एक्ट की धारा 5 जी, 6 में दस वर्ष का कठोर कारावास और पचास हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है।
साथ ही आईपीसी की धारा 506 में 6 माह का कारावास और एक हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। लोक अभियोजक मिश्रा ने बताया कि कोर्ट में न्यायाधीश जमीर हुसैन आज सजा सुनाए जाने के समय मुजरिम और उसका वकील कोर्ट में उपस्थित नहीं थे। पॉक्सो न्यायाधीश जमीर हुसैन ने महिला पुलिस थाना एसएचओ को दोषी को तुरंत गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं।