मध्य प्रदेश की इन पांच सीटों पर ‘रिश्तों’ में जंग, कोई भी पार्टी जीते विधायकी रहेगी घर में ही
भोपाल। मध्य प्रदेश में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां कोई भी पार्टी जीत जाए रहेगा परिवार के भीतर ही। हालांकी ये प्रत्शीयों की अपनी विचारधारा है। 2023 के विधानसभा को मध्य प्रदेश का ‘महाभारत’ बोला जा रहा है। जिसमें भाई को भाई के खिलाफ, एक चाचा को भतीजे के खिलाफ, एक ‘जेठ’ को बहू और एक समधी-समधन को टिकट दिया गया है।
बड़े भाई के खिलाफ छोटा भाई मैदान में
होशंगाबाद में दो भाई अपने सत्तर के दशक में आमने सामने राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे हैं। विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सीताशरण शर्मा को भाजपा ने उनके ही बड़े भाई गिरिजा शंकर शर्मा के खिलाफ मैदान में उतारा है। साल- 2008 में गिरिजा शंकर ने होशंगाबाद से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा और 25,097 मतों से जीत हासिल की। अगले चुनाव में भाजपा ने उनके छोटे भाई सीताशरण को मैदान में उतारा, जो जीत गए और अध्यक्ष चुने गए। लेकिन जब पार्टी ने साल- 2018 में सीताशरण को फिर से मैदान में उतारा, तो गिरिजा शंकर ने विरोध में इस्तीफा दे दिया। बाद में वह इस वादे पर भाजपा में फिर से शामिल हो गए कि उन्हें पार्टी में एक महत्वपूर्ण भूमिका दी जाएगी। सीताशरण साल- 2018 का चुनाव जीत गए लेकिन गिरिजा शंकर को वह भूमिका नहीं मिली जिसकी उन्हें तलाश थी। पिछले महीने उन्होंने भाजपा छोड़ दी और पीसीसी प्रमुख कमलनाथ से मुलाकात की। कांग्रेस ने उन्हें होशंगाबाद सीट से मैदान में उतारा है। उनके टिकट मिलने के दो दिन बाद भाजपा ने उनके भाई सीताशरण को उनके खिलाफ खड़ा कर दिया।
चाचा का मुकाबला भतीजे से…
रीवा जिले की देवतालब विधानसभा सीट पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को उनके छोटे भतीजे पद्मेश गौतम से चुनौती मिल रही है, जिन्हें कांग्रेस ने मैदान में उतारा है। चार बार के विधायक गिरीश ने रीवा के मंगवन से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस के दिग्गज नेता श्रीनिवास तिवारी को हराया था। श्रीनिवास ‘सफेद बाघ’ के रूप में प्रसिद्ध थे। वर्तमान विधानसभा के अध्यक्ष गौतम ने साल-2003 में व्हाइट टाइगर को 26,930 मतों के अंतर से हराया था।
समधी-समधन मैदान में…
मध्य प्रदेश की डबरा विधानसभा सीट पर समधी और समधन आमने सामने हैं। बता दें कि इस सीट पर इन दोनों का आपस में तीसरा मुकाबला है। कांग्रेस ने सुरेश राजे को प्रत्याशी बनाया है। वहीं बीजेपी ने इमरती देवी को टिकट दिया है।
जेठ-बहू में कांटे की टक्कर…
सागर विधानसभा सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। यहां से जेठ-बहू आमने सामने हैं। दरअसल यहां पर बीजेपी के प्रत्याशी विधायक शैलेंद्र जैन का मुकाबला अपने छोटे भाई की पत्नी निधि जैन से है। निधि को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है।
चाचा से भतीजे का मुकाबला…
मध्य प्रदेश की टिमरनी सीट पर चाचा की लड़ाई अपने भतीजे से है। बीजेपी ने विधायक संजय शाह को फिर से मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने संजय के भतीजे अभिजीत शाह को टिकट दिया है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर काउंटिंग 3 दिसंबर को होगी। इन सभी पांचों सीटों पर कोई भी जीते विधायकी घर में ही रहेगी।