मुख्तार अंसारी को लगा एक और झटका,इस बड़े अपराध में मिली 5 साल से अधिक की सजा
वाराणसी। जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, बल्कि बढ़ती ही जा रही है। कई मामलों में दोषी करार होने के बाद जेल की सजा काट रहे मुख्तार को एक और आपराधिक मामले में दोषी करार दिया गया है। वाराणसी में विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए/सिविल जज (सीनियर डिविजन) उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट ने कोयला व्यवसायी नंद किशोर रुंगटा के अपहरण के बाद परिवार को धमकी देने के मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है।
कोर्ट ने पांच साल 6 महीने की सजा और 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। इस मामले में पिछली तारीख पर बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने 15 दिसंबर तक फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि कोयला कारोबारी नंद किशोर रूंगटा की किडनैपिंग के बाद उसके परिजनों को बम से उड़ने की धमकी दी गई थी। इसके बाद महावीर प्रसाद रूंगटा ने भेलूपुर थाने में 5 नवंबर 1997 को बम से उड़ने की धमकी के मामले में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना के बाद धमकी के मामले में मुख्तार के खिलाफ उसी समय आरोप पत्र दाखिल किया था।
जानें क्या है पूरा मामला…
बता दें कि 22 जनवरी 1997 को वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र में स्थित जवाहर नगर कॉलोनी में रहने वाले नंदकिशोर के दफ्तर पर मुख्तार का साला अताउर रहमान बाबू झारखंड के हजारीबाग का कोयला कारोबारी विजय बनकर पहुंचा। अताउर ने नंदकिशोर रुंगटा को इस बहाने से अपनी कार में बैठा लिया कि कोयले के कारोबार से जुड़े दस्तावेज दिखाने हैं। कहा गया कि अताउर ने इसके बाद नंदकिशोर रूंगटा को चाय में नशीली दवा पिलाकर अपहरण कर लिया। मुख्तार ने रूंगटा के परिवार को फिरौती के लिए कॉल की और एवज में 5 करोड़ की फिरौती मांगी।
परिवार ने यह रकम मुख्तार अंसारी को पहुंचा दी थी इसके बावजूद मुख्तार अंसारी ने नंदकिशोर को नही छोड़ा और उनकी हत्या कर दी। नंद किशोर रूंगटा की लाश आज तक नही मिली। सीबीआई ने इस मामले में मुख्तार अंसारी के अलावा दो अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया, जिसमें उसका शार्प शूटर और करीबी रिश्तेदार अताउर रहमान बाबू और दूसरा शाहबुद्दीन था। ये दोनों ही आरोपी 26 साल बाद भी सीबीआई की पकड़ में नहीं आ सके हैं और मौजूदा समय में सीबीआई की तरफ से 2 लाख का इनाम घोषित है।
अक्टूबर में मिली थी 10 साल की सजा…
बता दें कि बीते माह अक्टूबर में एमपी/एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर मामले में माफिया मुख्तार अंसारी को 10 साल की कैद की सजा सुनाई थी और 5 लाख रुपए का भारी भरकम जुर्माना भी लगाया गया था। ये मामला साल 2010 में मुख्तार से जुड़े गैंगस्टर एक्ट रे तहत दर्ज केस से जुड़ा था।
मुख्तार पर लगातार हो रही कार्रवाई…
माफिया मुख्तार अंसारी कई बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस के पास मुख्तार के खिलाफ हत्या से लेकर कई अन्य अपराध के दर्जनों मामले दर्ज हैं। बरहाल बीते कुछ समय से मुख्तार का बुरा समय चल रहा है। पुलिस द्वारा मुख्तार के कई अवैद्य संपत्तियों पर कार्रवाई की गई है। कुछ ही महीनों पहले आयकर विभाग ने भी मुख्तार की 100 करोड़ से अधिक की लगभग 23 संपत्तियों को लेकर जांच शुरू की थी।