सीतापुर जेल से आजम खान को ले जाया गया रामपुर, एमपी-एमएलए कोर्ट में इस मामले में होनी है सुनवाई
सीतापुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को आज शनिवार सीतापुर जेल से रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ले जाया गया है।अदालत में आज आजम खान उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान पर पड़ोसी पर हमले के मामले में फैसला आना है। आजम खान पर पड़ोसी से मारपीट का ये मामला साल 2019 का है। आजम खान के खिलाफ उनके पड़ोसी मोहम्मद अहमद ने मुकदमा दर्ज कराया था और आरोप लगाए थे कि उन्होंने आजम खान के घर के पास प्लाट खरीदा था,लेकिन आजम खान और उनके भाई इस पर कब्जा करना चाहते थे।
जानें क्या है पूरा मामला…
गौरतलब है कि साल 2013 में समाजवादी पार्टी की सरकार थी तब आजम खान के पड़ोसी मोहम्मद अहमद के मकान और दुकानों को तोड़ने का प्रयास किया गया। विवाद बढ़ा तो मामला अदालत में पहुंच गया। मोहम्मद अहमद ने आरोप लगाए थे कि कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद आजम खान के इशारे पर उनके भाई और भतीजे ने उन्हें रास्ते में घेरकर मारपीट की थी। फिर पुलिस ने इस मामले की जांच पूरी कर आजम खान, उनके भाई सेवानिवृत्त इंजीनियर शरीफ खान, बेटे और भतीजे के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। अब इस मामले में आज शनिवार एमपी-एमएलए कोर्ट में आज फैसाल सुनाएगा जाएगा।
फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में 7 साल की सजा…
बता दें कि बीते माह अक्टूबर में रामपुर की एक अदालत ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के पांच साल पुराने मामले में दोषी ठहराते हुए सात साल की सजा सुनाई थी। एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की अदालत ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के 2019 के मामले में आजम खान, तंजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम को दोषी ठहराया और अधिकतम सात साल की सजा सुनाई। तीन जनवरी, 2019 को रामपुर के गंज पुलिस थाने में भारतीय जनता पार्टी विधायक आकाश सक्सेना द्वारा दर्ज करायी गई एक रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि आजम खान और उनकी पत्नी ने अपने बेटे के दो फर्जी जन्मतिथि प्रमाणपत्र प्राप्त किए।