नफीस के बाद खुली राशिद की खुली पोल,बाबा बनकर पहुंचा,खुद को बताया अन्नू
मिर्जापुर।उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में नफीस का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है कि मिर्जापुर जिले से राशिद बाबा बनकर ठगी करने का मामला सामने आया है।ढाई साल पहले गोंडा के रहने वाले इसी गिरोह के राशिद बाबा बनकर पहुंचा था, लेकिन पहचान हो जाने के बाद मामले में खुलासा हो गया। जिले के चुनार थाना क्षेत्र के सहसपुरा के रहने वाले बुद्धिराम विश्वकर्मा का बेटा अन्नू 14 अप्रैल 2011 में शिव संकरीधाम मेला में घूमने गया था।संकरीधाम से अन्नू मेला में खो गया था। बेटे अन्नू की तलाश में परेशान बुद्धिराम के मुहल्ले में जुलाई 2021 में गोंडा का रहने वाला राशिद जोगी(बाबा) के भेष में सारंगी बजता हुआ पहुचा, तो परिजन ने उसे अन्नू के रूप पहचाना और घर ले आए।पूरा परिवार खुश था कि उसका बेटा मिल गया,लेकिन परिवार के लोगों से राशिद ने कहा कि मैं जोगी बना हूं,जिस मठ और गुरू ने जोगी बनाया है उनको जब तक पैसे नहीं दूंगा तब तक मैं गृहस्थ आश्रम में नहीं आ सकता। इसके बाद परिवार और मुहल्ले वालो ने मिलकर पैसा इकठ्ठा किया। फिर परशोधा रेलवे क्रासिंग पर 21 जुलाई 2021 को 1 लाख 46 हजार रुपये बाबा बने राशिद के दूसरे साथी नफीस को दिया।
इसके बाद घर आकर राशिद ने परिवार के लोगों से कहा कि घर पर प्रेत बाधा है।इसके उपाय के लिए पूजा करना पड़ेगा, जिसके बाद वह पूरे घर और मुहल्ले के लोगों से उनके आभूषण मांगकर पोटली में बांध कर उसे रख दिया।परिजनों को शक हुआ तो वे लोग पोटली को खोला, जिसमे ईंट और पत्थर मिला।इसके बाद राशिद पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। बरहाल बुद्धिराम विश्वकर्मा को 6 महीने बाद उनका खोया बेटा अन्नू मिल गया। अन्नू की मां सुनीता ने बताया कि मुहल्ले के लोगों ने कहा कि यह अन्नू जैसा दिख रहा है तो हमने भी मान लिया और घर ले आए। मगर जब गहने इकठ्ठा करने लगा तो शक हुआ।इसके बाद पकड़ा गया।बहन आकांक्षा विश्वकर्मा ने कहा कि हम लोग परेशान थे तो उसे भाई मान लिया था। मगर उसने इमोशन के साथ खिलवाड़ किया।आज भी उसका कर्ज भर रहे हैं।