खूंखार इरादे,बदले की आग,टाइम बम का ऑर्डर देने वाली इमराना गिरफ्तार,बताया पूरा प्लान
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी एसटीएफ) की टीम ने बीते दिनों मेरठ में चार टाइम बम के साथ जावेद शेख को गिरफ्तार किया था। जावेद का नेपाल कनेक्शन सामने आने के साथ ही कई और बड़े खुलासे भी हुए हैं।बम बनाने का ऑर्डर मुजफ्फरनगर की इमराना ने दिया था।अब पुलिस ने मास्टरमाइंड इमराना को भी गिरफ्तार कर लिया है।
खूंखार इरादों और बदले की आग से भरी इमराना ने पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।इमराना ने कहा कि साल 2013 में मुजफ्फरनगर में हिंदू-मुस्लिम झगड़ा हुआ था।तब हिंदुओं ने उसका घर जला दिया था।इसमें उसका काफी नुकसान हो गया था,जिसे लेकर वो काफी गुस्से में थी।
इमराना ने कहा कि इसके बाद उसने जावेद से मुलाकात की और कुछ बम बनवाए थे,ताकि आगे कोई झगड़ा हो तो उसमें इनसे धमाके कर सके।बम उसने काफी समय पहले अपने मिलने वाले कुछ लोगों को दे दिए थे,जिनको बम दिए थे, उनके नाम और पता उसे अब मालूम नहीं है।
इमराना ने कहा कि इस बार मैंने करीब 15 दिन पहले जावेद से 10 बम बनाने के लिए कहा था।सोचा था कि कोई झगड़ा और दंगा होगा तो काम आएंगे।जावेद मीरापुर से अपने जानने वाले के पास से बारूद लाकर बम बनाता है।
इमराना ने कहा कि इस बार बारूद कम मिलने के कारण जावेद 5 ही बम बना पाया था। एक बम गर्म होकर खराब हो गया था। उसे काली नदी में फेंक दिया था।जावेद परसों मेरे पास 4 बम लेकर आ रहा था कि पुलिस ने उसे रास्ते में ही पकड़ लिया।
इमराना ने बताया कि गांव निरमाना थाना शाहपुर जिला मुजफ्फरनगर की रहने वाली हूं।करीब 30 साल पहले शामली में बावरी थाने के बंतीखेड़ा निवासी आजाद पुत्र इजराइल से निकाह हुआ।दो बेटे मोनू (24 साल) और सोनू (21 साल) में मोनू की 6 महीने पहले मौत हो चुकी है।सोनू कपड़े का काम करता है।बड़ी बेटी रुखसार पति के साथ देहरादून में रहती है।
इमराना ने बताया कि करीब 20 साल से अपने पति के साथ मकान लेकर मोहल्ला प्रेमपुरी काली नदी के पुल के पास रह रही है।मंगलवार और शुक्रवार को बंतीखेड़ा जाकर झाड़-फूंक और दवाई देने का काम करती है। 20 साल से जावेद को जानती है।जावेद के पिता जरीफ अहमद हकीम थे।उनसे अपनी और अपने पति की दवा लेने घर आती-जाती थी। जावेद भी वहीं मिल जाता था।
इमराना ने बताया कि 12-13 साल पहले जावेद से दो बम लिए थे, जो अपने घर में रख लिए थे।एक बम की बत्ती निकल गई थी कोई बड़ी घटना न हो जाए इस डर से उसे काली नदी में फेंक दिया था।जावेद के मुताबिक इमराना ने उसे बोतल बम तैयार करने के लिए 10 हजार रुपये पहले दिए थे,बाकी 40 हजार रुपये बम मिल जाने पर देने के लिए कहा था।
बता दें कि जावेद शेख ने बम बनाना अपने चाचा मोहम्मद अर्शी से सीखा।अर्शी मुजफ्फरनगर के मिमलाना रोड पर मौजूद रामलीला टीला थाना कोतवाली नगर इलाके में रहता है।अर्शी पटाखा बनाने का काम करता है।अर्शी के घर में रहकर जावेद ने बारूद और बोतल बम बनाने का काम सीखा था, लेकिन कुछ जानकारी जावेद ने यूटयूब और इंटरनेट के जरिए हासिल की थी।जावेद की मां नीतू नेपाल में लाजीम पार्ट खरसानी ताल काठमांडू की रहने वाली है। जावेद के पिता नेपाल घूमने गए थे वहीं उनकी जान-पहचान हुई और वहीं शादी कर ली थी।