Loksabha_Election_2024: आईये जाने सूबे की महराजगंज लोकसभा सीट का संसदीय इतिहास, वहां का जातिगत समीकरण और चुनावी आंकड़ों की गुणा-गणित

उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में एक महाराजगंज लोकसभा सीट है।  यूपी के पिछड़े जिले में शुमार महाराजगंज नेपाल से सटा जिला है। जब देश में पहला चुनाव हुआ तब इस सीट का प्रतिनिधित्व शिक्षाविद और स्वतंत्रता सेनानी शिब्बन लाल सक्सेना ने किया। शिब्बन लाल संविधान सभा के सदस्य भी रहे थे। जितनी खूबसूरत महाराजगंज जगह है। उतना ही खूबसूरत यहां का इतिहास भी रहा है। महाभारत काल में इस जगह को कारापथ के नाम से जाना जाता था। जो कि कौशल राज्य का एक अंग हुआ करता था। इक्ष्वाकु राजाओं का यहां शासन था, जो बाद में छोटे-छोटे राज्यों में बंट गया।

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में पड़ने वाली महराजगंज लोकसभा सीट राजनीतिक मायने में बेहद अहम सीट मानी जाती है। यह संसदीय सीट महराजगंज जिले में पड़ती है. यह शहर भारत-नेपाल बॉर्डर के करीब स्थित है। पहले इस जगह को ‘करपथ’ के नाम से जाना जाता था। 2 अक्टूबर, 1989 को गोरखपुर जिले का विभाजन कर महराजगंज के रूप में नए जिले का निर्माण किया गया। हाई प्रोफाइल सीटों में शुमार की जाने वाली महराजगंज संसदीय सीट पर बीजेपी के पंकज चौधरी सांसद हैं और वह केंद्र की मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री भी हैं।

लोकसभा महराजगंज सीट का संसदीय इतिहास

अगर बात इस सीट के राजनैतिक इतिहास की करें, तो यहां पर पहली बार साल- 1952 में चुनाव हुआ था, जिसमें में शिब्बन लाल सक्सेना ने निर्दलीय जीत दर्ज की थी। ऐसा कहा जाता है कि उस समय कांग्रेस ने उन्हे सम्मान नहीं दिया था। जिस कारण वो निर्दलीय ही चुनाव मैदान में कूद गए थे। शिब्बन लाल साल- 1957 में भी दूसरा चुनाव जीते थे। इसके बाद साल- 1962 के चुनाव में कांग्रेस के महादेव प्रसाद के हाथों उन्हें शिकस्त मिली थी। साल- 1967 के चुनाव में कांग्रेस से महादेव प्रसाद ही यहां से दोबारा सासंद बने थे। लेकिन 1971 में जब चुनाव हुए तब शिब्बन लाल सक्सेना एक बार फिर निर्दलीय चुनाव जीत गए थे।

हालांकि साल- 1977 का अगला चुनाव शिब्बन लाल सक्सेना ने जनता पार्टी के सिंबल पर लड़कर जीता था। साल- 1980 के चुनाव में कांग्रेस के अशफाक हुसैन यहां से सांसद चुने गए थे। वहीं साल- 1984 में कांग्रेस से जितेंद्र सिंह चुनाव जीत कर संसद पहुंचे थे। साल- 1989 के चुनाव में जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हर्ष वर्धन यहां से सांसद बने थे। लेकिन साल- 1991 की राम मंदिर लहर में बीजेपी का यहां पर खाता खुला था और पंकज चौधरी चुनाव जीतकर सांसद बने थे। पंकज ने इस सीट पर बीजेपी की पकड़ बनाए रखा है और अब तक 6 बार सांसद बन चुके हैं। पंकज चौधरी ने यहां साल- 1996 और साल- 1998 का चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाई थी।

लेकिन साल- 1999 में हुए चुनाव में समाजवादी पार्टी के अखिलेश सिंह के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन पंकज ने अगले ही चुनाव साल- 2004 में फिर वापसी की थी और जीत दर्ज कर चौथी बार संसद पहुंचे थे। साल- 2009 के चुनाव में पंकज को कांग्रेस के हर्ष वर्धन के हाथों हार मिली थी। लेकिन साल- 2014 के चुनाव में बीजेपी ने फिर से पंकज पर दांव खेला था। जिस पर वो खरे उतरे थे और पांचवीं बार जीत दर्ज कर बीजेपी की वापसी कराई थी। साल- 2019 का पिछला लोकसभा चुनाव भी महाराजगंज सीट पर पंकज चौधरी के ही नाम रहा था। इस बार उन्होंने यहां पर छठीं बार जीत हासिल की थी।

लोकसभा महराजगंज सीट की 5 विधानसभा सीटें  

आपको बता दें कि महाराजगंज लोकसभा के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आती है, जिनमें फरेंदा, नौतनवा, सिसवा, महाराजगंज सुरक्षित और पनियरा विधानसभा सीटें शामिल है। साल- 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र की तीन सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। जबकि एक सीट पर उसकी सहयोगी निषाद पार्टी जीती थी। वहीं एक सीट कांग्रेस के खाते में गई थी। जहां सिसवा, महाराजगंज सुरक्षित और पनियरा पर बीजेपी जीती। वहीं नौतनवा पर निषाद पार्टी और फरेंदा पर कांग्रेस का कब्जा है।

लोकसभा सीट महराजगंज में मतदाताओं की संख्या

अगर बात मतदाताओं की करें, तो महाराजगंज लोकसभा सीट पर कुल 18 लाख, 57 हजार, 606 वोटर हैं। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या- 9 लाख, 98 हजार, 822 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या- 8 लाख, 58 हजार, 541 है। वहीं ट्रांसजेंडर वोटरों की संख्या- 243 है।

साल- 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर

महाराजगंज सीट पर साल 2004 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के पंकज चौधरी चौथी बार सांसद बने थे… पंकज को कुल 2 लाख 28 हजार 702 वोट मिले थे… जबकि दूसरे नंबर पर सपा के अखिलेश सिंह रहे थे… अखिलेश को 1 लाख 63 हजार 903 वोट मिले थे… वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के हर्ष वर्धन रहे थे… हर्ष वर्धन को कुल 1 लाख 61 हजार 554 वोट पड़े थे…

साल- 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर

बात साल- 2009 के लोकसभा चुनाव की करें, तो कांग्रेस के हर्ष वर्धन इस सीट से सांसद बने थे। कांग्रेस के हर्षवर्धन ने करीब सवा लाख वोटों के अंतर से यह चुनाव जीता था। हर्ष वर्धन को कुल 3 लाख, 5 हजार, 474 वोट मिले थे। जबकि दूसरे नंबर पर बसपा के गणेश शंकर पांडेय रहे थे। गणेश शंकर को कुल 1 लाख, 81 हजार, 846 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बीजेपी के पंकज चौधरी थे। पंकज को इस चुनाव में केवल 1 लाख, 73 हजार, 41 वोट पड़े थे।

साल- 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर

अगर बात साल- 2014 के लोकसभा चुनाव की करें, तो बीजेपी के पंकज चौधरी ने यहां पर पांचवीं बार चुनाव जीता था। पंकज ने इस चुनाव में बसपा को करीब 2 लाखव्, 50 हजार वोटों से पटखनी दी थी। इस चुनाव में पंकज को कुल 4 लाख, 71 हजार, 542 वोट मिले थे। जबकि दूसरे नंबर पर बसपा के काशी नाथ शुक्ल रहे थे। काशी नाथ शुक्ल को कुल 2 लाख, 31 हजार, 84 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर सपा के अखिलेश सिंह थे। अखिलेश सिंह को कुल 2 लाख, 13 हजार, 974 वोट मिले थे।

साल- 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर

महाराजगंज सीट पर साल- 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। बीजेपी के पंकज चौधरी ने सपा के अखिलेश सिंह को तीन लाख से अधिक वोटों के बड़े अंतर से हराया था। पंकज चौधरी को कुल 7 लाख, 26 हजार, 349 वोट मिले थे। जबकि दूसरे नंबर पर रहे अखिलेश सिंह को 3 लाख, 85 हजार, 925 मत मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत रही थी। सुप्रिया श्रीनेत को केवल 72 हजार, 516 वोट पड़े थे।

महराजगंज लोकसभा सीट पर भाजपा के पंकज चौधरी और इंडी गठबंधन के वीरेंद्र चौधरी में सीधी टक्कर 

लोकसभा चुनाव- 2024 की जंग में महाराजगंज सीट पर बीजेपी ने फिर से अपना उम्मीदवार पंकज चौधरी को ही बनाया है। सपा-कांग्रेस गठबंधन से विधायक वीरेंद्र चौधरी मैदान में उतरे हैं। जबकि बसपा ने  मुस्लिम चेहरे में मौसमे आलम को मौका दिया है। फिलहाल यूपी की महराजगंज लोकसभा पर भाजपा सभी दलों से मजबूत स्थिति में दिख रही है। पंकज चौधरी महराजगंंज लोकसभा से छह बार जीते हैं। वहीं सपा ने जिसे अपना उम्मीदवार बनाय, वह लगातार पांच बार विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के टिकट से विधायक बने वीरेंद्र चौधरी चुनावी मैदान में उतारा है। बसपा के मौसमे आलम पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं।

केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी भाजपा से महराजगंज लोकसभा सीट पर छः बार निर्वाचित हुए हैं, सांसद  

महाराजगंज लोकसभा उत्तर प्रदेश की सीट नंबर- 63 है। आजादी के बाद एक दशक इस सीट पर निर्दलीय का कब्जा रहा था। लेकिन फिलहाल बीजेपी काबिज है। यहां कुल 17 चुनाव में जहां कांग्रेस ने यहां पर पांच बार अपना सांसद बनाया है। वहीं बीजेपी ने यह कारनामा छह बार इस सीट पर अंजाम दिया है। जबकि तीन बार निर्दलीय प्रत्याशी इस सीट पर चुनाव जीतने में कामयाब रहा। वहीं, जनता पार्टी, जनता दल और सपा को एक-एक बार जीत मिली है। लेकिन बसपा का यहां पर खाता नहीं खुला है। इस सीट पर एक मात्र हैट्रिक बीजेपी के पंकज चौधरी ने लगाई है, जो साल साल- 1991, साल- 1996 और साल- 1998 का चुनाव लगातार जीते थे। इस बार दूसरी हैट्रिक बनाने का मौका भी बीजेपी से ही पंकज चौधरी के पास है। पंकज पिछले दो आम चुनाव में यहां पर जीत दर्ज कर चुके हैं और फिर से चुनाव मैदान में हैं।

लोकसभा सीट महराजगंज पर जातीय समीकरण 

महाराजगंज संसदीय क्षेत्र कुर्मी, ब्राह्मण, ठाकुर और दलित बहुल है। हालांकि मुस्लिम और ओबीसी वर्ग के मतदाता भी यहां पर निर्णायक हैं। इस सीट पर पिछले दो चुनाव में मोदी लहर के चलते बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की है। मगर इस बार यहां पर सपा-कांग्रेस गठबंधन होने से नजदीकी मुकाबला होने की आस है।  इस क्षेत्र में क्षत्रिय मतदाताओं की संख्या अच्छी-खासी मानी जाती है। इस सीट पर निषाद मतदाताओं को रिझाने के प्रयास भी चल रहे हैं। भाजपा ने इसके लिए निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद को मैदान में उतार दिया है।

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