50 हजार रुपए दो; सुलझा दूंगा जमीनी विवाद, किसान ने पैसे देने से किया इनकार तो दारोगा ने बेरहमी से कर पिटाई
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से किसान की पिटाई का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक किसान ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि पैसे नहीं देने पर मेरी बेरहमी से पिटाई की गई है। पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर किसान ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं, इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है किसान के सभी आरोप निराधार और बेबुनियाद है।
किसान हरेराम यादव ने बताया कि 12 दिसंबर 2024 को वह अपने खेत में काम कर रहे थे। इसी दौरान जनार्दन कुशवाहा नाम के एक व्यक्ति ने जमीन विवाद को लेकर गाली-गलौज शुरू कर दी। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो जनार्दन ने 112 नंबर पर फोन कर पुलिस को बुला लिया। 112 नंबर की पुलिस हरेराम को पकड़कर जमानिया थाने ले गई। वहां दरोगा और एक सिपाही ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
रिश्वत नहीं देने पर की किसान की पिटाई…
किसान का आरोप है कि थाने बुलाकर साजिश के तहत दरोगा ने 50 हजार रुपये की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि मुझे पैसे दो मैं तुम्हारा मामला सुलझा दूंगा। हरेराम के अनुसार, जब उन्होंने पैसे देने से इनकार किया, तो दरोगा ने जनार्दन के हाथों उन्हें डंडे से पिटवाया। इस दौरान एक सिपाही ने उन्हें पीछे से पकड़ा हुआ था। दरोगा और सिपाही ने भी किसान की डंडे और पट्टे से पिटाई की। इस दौरान हरेराम को गंभीर बाहरी और अंदरूनी चोटें आईं। घटना से आहत किसान हरेराम ने क्षेत्राधिकारी को शनिवार को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है।
पुलिस अधीक्षक को भेजा प्रार्थना पत्र…
फरियाद को लेकर वह पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी गया, लेकिन पुलिस अधीक्षक छुट्टी पर होने के कारण उनसे मुलाकात नहीं हो पाई, तो उसने वहीं रजिस्ट्री के माध्यम से पुलिस अधीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया है। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। बताया कि प्रकरण को न्यायालय में रखा जायेगा। इस घटना ने पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस ने आरोपों को बताया बेबुनियाद…
स्थानीय लोगों ने मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं इस मामले में जमानिया कोतवाल आशीष नाथ सिंह ने बताया कि चौकी प्रभारी देवरिया अजय यादव जिस दिन की घटना बताई जा रही है उस दिन साक्ष्य के लिए जिले से बाहर गए हुए थे। आरोप निराधार और बेबुनियाद है। इस घटना से पुलिस की छवि पर गहरा असर पड़ा है। रिश्वत और बर्बरता के आरोप पुलिस व्यवस्था की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।